खबर लहरिया कोरोना वायरस लॉकडाउन में गाँवों को लौटे मजदूरों को नहीं मिला रोज़गार

लॉकडाउन में गाँवों को लौटे मजदूरों को नहीं मिला रोज़गार

जिला चित्रकूट ब्लॉक कर्वी में रहने वाले लोगों का कहना है कि जब से लॉकडाउन लगा है तब से उन्हें कोई भी मज़दूरी नहीं मिली है। जो की उनकी परेशानी का कारण है। रोज़गार की तलाश में लगभग 500 मज़दूर रोज़ाना बस अड्डे के पास जाकर बैठते हैं। फिर भी लोगों को मज़दूरी नहीं मिल पाती और वह निराश होकर घर वापस लौट जाते हैं।

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लोगों का कहना है कि रोज़गार ना होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर होता है। खान-पान में कमी होती है। वहीं घर में अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो वह लोग उसका इलाज भी नहीं करवा पाते हैं। उनके पास कोई भी सरकारी सुविधा नहीं है। लोग कहते हैं कि यूँ तो सरकार कहती है कि पंजीकरण करने से लाभ मिलेगा। उनके यहां तकरीबन 100 मज़दूरों ने पंजीकरण कराया है फिर भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ है।

लॉकडाउन में गाँवों को लौटे मजदूरों को नहीं मिला रोज़गार

गाँव लौटे मज़दूरों को नहीं मिला रोज़गार

वह आगे कहते हैं कि जिन कंपनियों में वह पहले काम करते थे, उन्हें वहां से भी निकाल दिया गया। घर वापस आये तो उनके पास खेती के लिए पैसे नहीं थे। ठेकेदारों के यहां काम करते हैं तो वह 500 रूपये की मज़दूरी की जगह सिर्फ 300 रूपये ही देते हैं। जबकि 50 रूपये तो आने-जाने का किराया ही लग जाता है।

खबर लहरिया ने इस मामले में सुमन सिंह सहायक श्रम आयुक्त अधिकारी से बात की गई तो वो कहते है कि लोग जन सेवा केंद्र में जाकर अपना पंजीकरण कराये। उन्हें सरकार की तरफ से लाभ ज़रूर मिलेगा। बाकी कई योजना नई शुरू किया गया है सरकार की यही मंशा है की सभी मजदूरों तक इसका लाभ मिल सके l

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