28 फरवरी को हर वैज्ञानिक दिवस मनाया जाता है . रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी। इस कारण 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।
इस दिन, विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता हैं। रसायनों की आणविक संरचना के अध्ययन में ‘रमन प्रभाव’ एक प्रभावी साधन है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस देश में विज्ञान के निरंतर उन्नति का आह्वान करता है, परमाणु ऊर्जा को लेकर लोगों के मन में कायम भ्रातियों को दूर करना इसका मुख्य उद्देश्य है तथा इसके विकास के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं।
आज के दिन देश के छोटे छोटे बैज्ञानिको को प्रेरित करना ,उनका उत्साह बढाना , मनोबल बढाने का लिए मनाया जाता है इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियो के प्रति आकर्षित करना विज्ञान के छेत्र में नये नये प्रयोगों को ढूढने वालो का हौसला बढाना अगर इन्सान का अंदर लगन और हुनर है तो वह हर कमाल कर दिखाता है
आज के दिन मैं अपने बुन्देलखण्ड के होनहार वैज्ञानिको के बारे में बात करुगी क्योकि बड़े बड़े वैज्ञानिको के बारे में तो खूब बात करते है जानते भी है लेकिन मेने कई स्टोरी की बुन्देलखण्ड के वैज्ञानिको के उपर जो बहुत ही फापुलर रही है पहली स्टोरी हमनेकबर की थी
बाँदा जिला के बैज्ञानिक नारद की नारद बाँदा जिला के तिंदवारी कस्बे का रहने वाला गरीब परिवार का बेटा है नारद ने मोटर साईकिल के गैरिज की दूकान में मेकेनिक का काम करता था यह काम करते करते नारद ने सपना देखना शुरू किया की वह हेलीकाप्टर बनाएगा और उसने अपना सपना पूरा करने की कोशिश कीनारद ने हेलीकाप्टर बनाने का हर पार्ट ढूढ़ कर लाया हिरोहान्दा की मोटर साईकिल के ईंजन के सहारे उसने हेली काप्टर को बनाया और उड़ाया
लेकिन तिंदवारी की थाना की पुलिस ने उसके इस हौसले को रौद दिया पुलिस ने कहा की तुम आतंकवादी बनना चाहते हो तुम मोदी को मारने की साजिस रच रहे हो और नारद का बना बनाया हेलीकाप्टर को तोद्वा दिया तो आज जब में इस दिवस का उद्देश्य पढ़ रही थी जान रही थी तो मेरे मन में बहुत ही घुटन पैदा हो रही है
की हमारे देश में अच्छी चीज को किस तरह से खराब बना दिया जाता है जिसके वजह से इन्सान टूट जाता है मेने नारद से लगातार इस स्टोरी को लेकर बात करी मेने अपने आखो के सामने नारद के सपनों को और खुद नारद को टूटते हुए देखा है अगर नारद को होसला मिला होता तो वह आज न जाने कितने हेलीकाप्टर बना चुका होता दुसरे वैज्ञानिक हैंLIVE: सम्पूर्ण समाधान दिवस पर पैलानी तहसील में अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे लोग
हमीरपुर के 17 साल के रामजी इनसे हम मिले दिसम्बर के महीने में ये इन्होने बनाया है हवाई जहाज का माडल ये थर्मा कोल और लकड़ी के सहारे से पूरा हवाई जहाज बना कर उड़ाया है उनके परिवार और समाज प्रसाशन ने पूरा सपोर्ट किया है किया जिसकी वजह से रामजी ने हवाई को उड़ा पाया और कई जगह पर उसको बड़े मचो पर बुलाया गया अब वो बाकी बच्चो को ट्रेनिंग भी देता है
झासी की एक लडकी ने सेंटी सेफ्टी बेल्ट बनाई थी जो लडकियों के साथ छेड़खानी करने पर करंट मारता है इसी तरह से बहुत सारे लोकल के वैज्ञानिको को हमने कबर किया जिनका काम बहुत ही सराहनीय है जो हमारे लिए गर्व की बात है आप भी ऐसे होनहारो को बढावा दीजिए ताकि उनके होसले दुटने न पाए और वैज्ञानिक दिवस का मकसद भी पूरा हो सके