जसिन्ता झांरखण्ड राज्य के रांची शहर के खोरहाटोली की रहने वाली आदिवासी समुदाय से हैं।इसको कविताएं लिखनें का बहुत शौक है ।इसकी कवितायें कई भाषा में अनुवाद भी किया गया है।यह एक पत्रकार भी है ,साथ ही कहानी लिखने का भी शौक रखती है।यह लगभग चार साल से यह सब काम कर रही है।
इसमें आगे आने का मकसद यही था कि आदिवासी और दलितों की आवाज को लोग जगह नहींदेते हैं इस लिए खुद आदिवासी हूं इन परिस्थितियों से जूझी हूं इस लिए काम कर के अपनी आवाज और कविताएं के माध्यम से बात को रखती हूं।मेरी कविताओं की किताब भी छप चुकी हैं।