छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कल बुधवार 26 नवंबर 2025 को 41 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। बताया जा रहा है इनमें से 32 पर 1.19 करोड़ रुपये का इनाम था।
छत्तीसगढ़ से आए दिन लगातार भारी संख्या में माओवादियों के आत्मसम्पर्ण की ख़बरें आ रही हैं। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि जनवरी 2024 से अब तक कुल 790 माओवादी कैडर हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। अब बीजापुर में 41 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इससे पहले भी बीजापुर जिले में 29 अक्टूबर 2025 को 51 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। इस खबर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें।
Chhattisgarh Maoist Surrender: छत्तीसगढ़ बीजापुर में फिर से 51 माओवादियों ने किया सरेंडर
41 माओवादियों में 12 महिला शामिल
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 12 महिलाओं समेत कैडरों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसकी वजह उन्होंने सरकार की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति ‘पूना मार्गम’ को बताया जो उन्हें सुरक्षा, आर्थिक मदद और दोबारा सामान्य जीवन जीने का मौका देती है।
मुख्यधारा में लौटे 41 माओवादी कैडर, 01 करोड़ 19 लाख का था ईनाम ।
🔳 “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” — बदलाव की नई शुरूआत l
🔳 क्रूर और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा, शांति की स्थापना l
🔳इसमें साउथ सब जोनल ब्यूरो के 39 माओवादी है शामिल ।
🔳 पुनर्वास में शामिल होने… pic.twitter.com/5A1dpLKSQs
— Bijapur Police (@BijapurPolice) November 26, 2025
आपको बात दें कि ‘पूना मार्गम’ बस्तर रेंज पुलिस का एक विशेष अभियान है। जो माओवादियों को सामाजिक पुन: एकीकरण में मदद करता है और उन्हें समझाता है कि हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटना बेहतर है।
इसमें शामिल राज्य के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में 20 लाख रुपये के संयुक्त इनाम वाले एक माओवादी दंपत्ति ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने पत्रकारों को बताया कि सुरक्षा बलों के लगातार बढ़ते दबाव के कारण बटालियन में लगातार कमी आ रही थी और शीर्ष माओवादी सैन्य कमांडर मादवी हिडमा के मारे जाने से यह प्रक्रिया और तेज़ हो गई है।
माओवादियों का समबन्ध इनसे
जानकारी के मुताबिक इनमें से चार पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर 1 और माओवादियों की विभिन्न कंपनियों के सदस्य थे, तीन एरिया कमेटियों के, 11 प्लाटून और एरिया कमेटियों के पार्टी सदस्य, दो पीएलजीए सदस्य, चार मिलिशिया प्लाटून कमांडर, एक डिप्टी कमांडर, छह मिलिशिया प्लाटून सदस्य और शेष प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के फ्रंटल संगठनों से संबंधित थे। इन 41 में से 39 कैडर माओवादियों के दक्षिण उप-क्षेत्रीय ब्यूरो के थे।
माओवादियों के नाम जिन पर 8 लाख का इनाम
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आत्मसमर्पण करने वालों में पंडरू हपका उर्फ मोहन (37), बंदी हपका (35), लक्खू कोर्सा (37), बदरू पुनेम (35), सुखराम हेमला (27), मंजुला हेमला (25), मंगली माड़वी उर्फ शांति (29), जयराम कादियाम (28) और पंडो मडकम उर्फ चांदनी (35) पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था।
इसके अलावा तीन कैडरों पर पांच-पांच लाख रुपये, 12 कैडरों पर दो-दो लाख रुपये तथा आठ कैडरों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है।
अब तक गिरफ्तार, मुठभेड़ में मारे गए और मुख्यधारा में शामिल माओवादी की संख्या
बीजापुर पुलिस ने बताया कि 01 जनवरी 2025 से अब तक माओवादी घटना में शामिल 528 माओवादी गिरफ्तार हुए, 560 माओवादी मुख्यधारा में शालि हुए एवं जिले में अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 144 माओवादी मारे गए है। 01 जनवरी 2024 से अब तक 790 माआवादी मुख्यधारा में शामिल हुए, 1031 माओवादी गिरुफ्तार हुए वही 202 माओवादी अलग अलग मुठभेड़ में मारे गये।
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