जिला बांदा | चित्रकूट धाम मंडल में अधिकारी सौभाग्य योजना को आइना दिखा रहे हैं| हर घर रोशन की वाहवाही लूट रहे हैं, लेकिन यहां अभी भी हजारों घरों में आज तक अंधेरा छाया हुआ है| लोग अभी भी दीया और लाम्टेन के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं और बिजली की चमक देखने को तरस रहे हैं| विभाग ने इन्हें बिजली उपभोक्ता तो बना दिया, पर मीटर टांगने के बाद बिजली का कनेक्शन देना भूल गए| अब गरीब लोग 2 वर्षों से कनेक्शन पाने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है |
चित्रकूट: सौभाग्य योजना से आज भी कोसों दूर है खोहर गाँव
सरकार द्वारा हर घर को रोशन करने के लिए सौभाग्य योजना संचालित की गई थी| जिसके तहत जोरों पर काम भी चला और बहुत से गांव रोशन भी हुए. लेकिन बहुत से गांव मीटर टांगने के बाद भी रोशनी की चमक देखने के लिए तरस रहे हैं| कहीं पर तार खंभे नहीं खींचे हैं, तो कहीं पर पूरी व्यवस्था होने के बाद भी ट्रांसफार्मर ही नहीं रखा गया| लोगों के नाम कनेक्शन ही नहीं किए गए |
क्या कहते हैं उपभोक्ता
बांदा जिले के अतर्रा ग्रामीण के मजरा कल्याणी पुरवा निवासी बारेलाल बताते हैं कि उनके तीन सौ की आबादी वाले पुरवे में बिजली विभाग द्धरा हर घर को रोशन करने का सपना दिखाया गया था| लेकिन उनके घरों को मीटर टांगने के 10 महीने बाद भी रोशन नहीं किया गया| जबकि केबिल बिछ गई है.लेकिन ट्रांसफार्मर से कनेक्शन ही नहीं किया गया| जिसके कारण रात अंधेरे में कटती है|
प्रधानमंत्री मोदी की एक और नई योजना, नाम दिया ‘सौभाग्य’
हम लोग पीढियों से इस दिन का इंतेजार कर रहे थे| पुरवे में बिजली न होने के कारण मोबाइल फोन चार्च करने के लिए हो या आटा पीसाने के लिए हर छोटे से छोटे बिजली से जुडे़ काम के लिए तीन किलो मीटर अतर्रा जाना पड़ता था| जब इस पुरवे के लिए बिजली पास हुई और तार खंभे लगाए जा रहे थे,तो बहुत खुशी हो रही थी कि अब हमारा पुरवा भी चमकेगा| हम लोग भी कूलर पंखे का मजा ले सकेंगे और हमारी आने वाली पीढ़ी में बदलाव होगा| लेकिन हमारे वह सपने भी अधूरे हैं| क्योंकि बिजली तो लगी पर शोपीस के लिए ताकि बाहर से देखने वाला व्यक्ति यह कह सके कि हां यह पुरवा भी बिजली से अछूता नहीं है,लेकिन घरों में आज भी हम लोग अंधेरे से जूझ रहे हैं और चिराग के सहारे अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं |
इस मामले पर विभाग क्या कहता है