मानसून आते ही शुरू हुई धान की रोपाई
मानसून आते ही हर जिले में किसानों ने धान की रोपाई करना शुरू कर दिया है। रुकरुक कर हो रही रिमझिम बारिश की फुहारों के बीच खेतों में आई नमी से किसानों के चेहरे खिल उठे। जहाँ पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से ताल-तलैया लबालब भर गये हैं तो वहीँ खेतो में भरे पानी के बीच किसानों ने भी हल और बैल से जुताई और हेंगा से समतल कर खेत में महिलाओं ने धान की रोपाई शुरू कर दी है।
ये तस्वीर बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले की है जहाँ कोई साभा मंसूरी वरायटी का तो कोई सरयूबावन धान अपने खेतो में लगा रहा है। मानसून की इस मेहरबानी से किसानों के चेहरे पर मुस्कराहट है। मानों लोग अपने खेतों में हल और बैल लेकर जाने को बस तैयार हों और इंद्र देवता ने बारिश की आस ताक़ रहे किसानों को मुंह माँगा इनाम दे दिया हो।
रिमझिम फुहारों के बीच महिलाएं धान की रोपाई करते हुए गीत गाने की अपनी एक अलग परम्परा है। लोग गीत गाते हुए ख़ुशी से झूम उठते हैं खासकर अगर इंद्र देवता इस तरह मेहरबान हो आसमान से बारिश की बूंदे गिर रही हो और खेतो में धान लगाया जा रहा हो। कहते हैं जितना ख़ुशी-ख़ुशी धान लगायेंगे उतनी ही फ़सल हमारे खेतो में लहलहाएगी। तो आप भी सुनिए खेतो में धान लगाती महिलाओं का ये बुन्देलखंडी गीत और हमें बताइये कैसा लगा?
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