हमारे बुन्देलखण्ड मे ताश का बहुत चलन है बचपन से देखती आ रही हू गांव मे जगह जगह एकजुट होकर गोले में बैठकर लोग ताश खेलते हैं और जो लोग ताश खेलते हैं पूरूषो के लिए ये टाइमपास है बडा अछ्छा खेल है इस खेल से जुवा भी शूरू हो जाता है फिर जो हारा वो शराब भी पी लेता है |
फिर क्या शराब भी कम बहादुर थोडी है मर्द की मर्दानी और बढती है घर जाकर पत्नी पर मर्द होने का पावर दिखाता है फिर क्या घर मे तनाव का महौल और हिंसा का रूप लेती है ये आदतें लेकिन करें क्या जब कोई काम ही नहीं है तो यकीन नहीं तो चलिए मेरे साथ आप भी देखिए काम ही नहीं है स मै नाजनी रिज़वी खबर लहरिया से सिनियर रिपोर्टर आ रही हू एक नया शो लेकर आपलोगों के साथ करेंगे कुछ समाजिक मुद्दों और लिंंक भेदभाव क्यों ,इन पर होगी कुछ हलचल कुछ अटपटी और चटपटी बातों के साथ आज मै चित्रकूट जिले के ”””’ब्लाक के ___ गांव मे मे हू अरे ये देखो भय्या ताश खेला जा रहा क्या बात है चलो हम भी तो देखें ये हमारे भय्या लोग इकट्ठा होकर ताश क्यों खेल रहे हैं |
क्या हो रहा भय्या ताश खेल रहे हैं हम भी खेल सकते हैं क्या जवाब के बाद जाहिर है जवाब होगा महिलाएं नहीं खेलती चर्चा बढाते हुए क्यों नहीं खेल सकती महिलाएं हमने तो सुना है महिलाएं जहाज चला लेती हैं और तो और चांद तक पहूंच गई है महिला ये भी जवाब हो सकता है का करी बहन जी कामधाम है नहीं तो टाइम पास कर रहे हैं |
सही कहा भय्या कामधाम तो नहीं है अछ्छा तो ये बताओ तुम्हारे यहां की औरतें कैसे टाइम पास करती हैं उनके पास भी कोई काम नहीं होगा हां का काम है गांव मा खा बना लिहिन फिर सैतार है अछ्छा हमने तो सुना था या टाइम बहुत काम होत है गांव मा खेती किसानी का भी तो सब काम महिला ही करती हैं का घर के काम मा हांथ बटाया कभीआप ने महिलाओं का न हा के बाद अछ्छा यहां पर जितने लोग हैं बताओ अपनी घर की औरतों का काम मे हांथ बटाते हैं की नहीं चाहे वो मां बहन बीवी भाभी चाची कोई भी हो घर मे काम मे शर्म आती है क्या अछ्छा एक बार वो बोले जो नहीं बटाते महिलाओं के काम मे हांथ क्या फिलिंग होती ये लगता है क्या अगर घरके काम मे हांथ बटाया तो मर्दानी कम हो जाएगी लोग क्या कहेंगे जोरी का गुलाम मेहरा और ताश खेलेंगे क्या महसूस होता है की आप एक मर्द हो सही बात है की नहीं बताइए ,बताइए भय्या आप बताओ |
तो भय्या ये सोचो महिलाएं कितना काम करती हैं तुम ताश खेलेते होऔर घर जाकर हुकुम चलाते हैं ठीक है ये तुम ही बताओ देखा आपने सुना क्या कहा लोगों ने ताश खेलना सही है लेकिन घर के काम महिलाओं का हांथ बिल्कुल नहीं बटाना चाहिए क्योंकि वो काम महिलाओं के हैं |
पूरूषो के नहीं अब कोई देखेगा तो क्या कहेगा ये तो जोरु का गुलाम है मेहरा है महिलाओं के घरके काम जो हैं दिनभर काम करने के बाद क्या वो कामकाजी महिला कहलाई जाती है क्या उसके घरेलू काम की गिनती काम मे की जाती है आप हमे इन सब बातों का जवाब कमेंट बाक्स मे सकते हैं और मेरा ये शो पसंद आया हो तो लाइक शेयर और सस्क्इब जरूर करें तो नारीवादी चश्मे के देखते रहिए मेरा ये शो बोलेंगे बुलवाएंगे हंस के सब कह जाएंगे |