बांदा: जुलाई 2019 की बात है कि जिले में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे पाए जाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए। इसके लिए यूनिसेफ और बांदा जिला प्रशासन के बीच समझौता हुआ। फिलीपींस देश से आईं यूनिसेफ की चीफ रूथरियानो और डीएम हीरालाल ने एमओयू (मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) यानी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। यूनिसेफ ने वर्ष 2019 में अप्रैल तक सर्वे कराया था जिसमें 5 साल तक के 2,60,314 बच्चों में 11,985 बच्चे कुपोषित पाये थे। मतलब कि 47 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे। यूनिसेफ की चीफ रूथरियानो अपने सहयोगियों के साथ जुलाई 2019 में जब बांदा आईं थीं तब कलक्ट्रेट सभागार में डीएम हीरालाल के साथ बैठक कर कुपोषण से निपटने के लिए संयुक्त कार्ययोजना पर चर्चा की। साथ ही यूनिसेफ चीफ और डीएम ने एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में यूनिसेफ के सहयोग से जिले को सात सेक्टर में बांटकर विभिन्न प्रकार की 43 गतिविधियों पर काम करने का प्लान किया। बांदा शहर और बड़ोखर खुर्द ब्लाक के अरबई और महुआ ब्लाक के सेमरिया जदीद में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मिली। दोनों जगह कई तरह की दिक्कतें पाई गईं। अगर अरबई आँगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा देवी की बात की जाए तो उन्होंने बताया कि नियम है कि एक हज़ार की आबादी में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होने की जगह गांव की 2775 आबादी में अकेले काम कर रही हैं। हार्ड कुक भोजन बनने की सामाग्री लगभग तीन साल से नहीं आई। हर महीने पंजीरी नहीं मिलती है और जब मिलती है तो बहुत कम। उदाहरण के तौर पर इस महीने कुल 75 बच्चों में 54 बच्चों की पंजीरी आई है। धात्री 28 और गर्भवती महिलाओं में से 17 महिलाओं के लिए पंजीरी दी गई। अब जिनके लिए पंजीरी कम है उनको कहां से दूं या न दूं तो कुपोषण का शिकार हों और इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ही कमी गिनी जाएगी न। कुल 75 बच्चों में कुपोषण की संख्या 1- शिवानी पुत्री लालाभाई जन्मतिथि 24-7-2018 है। वजन सात किलो 300 ग्राम है। लाल निशान पर है। मतलब अतिकुपोषित है। 2- प्रांसी पुत्री कमलेश, जन्म तिथि अक्टूबर 2017 है जो आंशिक कुपोषित है। 3- साहिल पुत्र नसीम जन्मतिथि 9 सितंबर 2017 है जो आंशिक कुपोषित है। 4- युवराज पुत्र भोला जन्मतिथि 18 अगस्त 2017 है जो आंशिक कुपोषित है। 5- अर्जुन पुत्र बाबूलाल जन्मतिथि 26 जून 2019 है जो आंशिक कुपोषित है। 6- अथर्व पुत्र अरुण 2 वर्ष 10 माह का है। वजन 9 किलो है जो आंशिक कुपोषित है। 7- कांति पुत्री छोटेलाल जन्मतिथि 11 अगस्त 2018 है। वजन साढ़े आठ किलो है जो आंशिक कुपोषित है। इसी तरह सेमरिया जदीद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा देवी बताती हैं कि 1- प्रांसी पुत्री लखनलाल की जन्मतिथि 26 मार्च 2019 है जिसका वजन 5 किलो 600 ग्राम है। यह बच्चा अतिकुपोषित है। 2- हिमाशु पुत्र प्रमोद की जन्मतिथि 8 सितंबर 2015 है। वजन तरह किलो सौ ग्राम है जो आंशिक कुपोषित है। 3 आयुष पुत्र भूरा की जन्मतिथि 3 जून 2017 है। इसका वजन दस किलो चार सौ है जो आंशिक कुपोषित है। 4- अंकिता पुत्री संतोषी की जन्मतिथि 10 मई 2015 है। इसका वजन तेरह किलो दो सौ ग्राम है जो आंशिक कुपोषित है। 5 अंशिका पुत्री विनोद की जन्मतिथि 9 फरवरी 2018 है। इसका वजन आठ किलो सात सौ ग्राम है जो आंशिक कुपोषित है। 6- राधा पुत्री कांता की जन्मतिथि 4 जुलाई 2017 है। वजन दस किलो है जो आंशिक कुपोषित है। यहां पर कुल 73 बच्चों में 6 बच्चे आंशिक कुपोषित और एक अतिकुपोषित है। इसी तरह शहर के बंगालीपुरा आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरन सेठी ने बताया कि उनके यहां चार बच्चे कुपोषित हैं जिसमें एक अतिकुपोषित है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने माना कि हार्ड कुक भोजन और पंजीरी आने में अनियमितता का कारण भी कुपोषण बढ़ने का कारण है। अब से छह सात साल पहले ये स्थिति नहीं थी क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्रों को भरपूर दलिया, पंजीरी और हार्ड कुक का भोजन मिलता था। डीएम हीरालाल का कहना है कि वह इस मुद्दे के सेकंड फेस पर काम कर रहे हैं। उसके रिजल्ट की जानकारी बहुत जल्द देंगे। प्रधानमंत्री ने 2018 में एक महत्वाकांक्षी मिशन “पोषण अभियान” की शुरुआत की थी। इसके मुताबिक, भारत को 2022 तक कुपोषण से मुक्त करना है। बच्चों में स्टंटिंग और अल्प पोषण साल में दो प्रतिशत कम करना है। साथ ही महिलाओं, युवा बच्चों व बच्चियों में एनीमिया में साल में 3 प्रतिशत की कमी लानी है। जन्म लेने वाले बच्चों के कम वजन में भी साल में दो प्रतिशत का सुधार करना है। इस लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार ने तीन सालों के लिए 2,849.54 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। 2017-18 से इस बजट की शुरुआत हो चुकी है और मुख्य रणनीतियां भी तय कर दी गईं हैं। इसमें बच्चों को पहले छह महीने और उसके बाद दो साल तक स्तनपान, नवजात की बेहतर देखभाल और कम वजन के नवजातों पर विशेष ध्यान देने का प्रावधान है।