मेहंदी महज दो चीजों से तैयार हो जाती है गुड़ और चायपत्ती। बचपन में गुड़ तो हमारे घर में बेसुमार हुआ करता था। डिब्बा का डिब्बा गुड़ बनाकर घर में रखा रहता क्योंकि गन्ने अपने खेत में लगाए जाते थे तो उसकी कमी नहीं थी, रही बात चायपत्ती की तो वह भी हर घर में होती थी क्योंकि किसान परिवार चाय का आदि होता ही है।
बचपन था बड़ा सुहाना
वो दौर फिर ना आना
अपनी थी सारी खुशियाँ
अपना था वो जमाना
बचपन था सुहाना…
आज मुझे यह लेख लिखते हुए अपना बचपन बहुत याद आ रहा है। जहाँ सहेलियां हों वहां मज़े-मज़े में बहुत कुछ हटके कर जाते हैं जिसकी उम्मीद नहीं होती थी। ऐसा ही वाकया हुआ था गुड़ की मेहँदी बनाते वक्त। बहुत ही मजेदार पल था वो। उस पल को मैं आप सबके साथ शेयर करना चाहती हूँ।
कोई भी तीज-त्योहार हो या घर में शादी-फंक्शन, महिलाएं हाथों पर मेहंदी जरूर लगाती हैं। बिन मेहंदी हर त्योहार अधूरा सा लगता है। मेंहदी की खूबसूरती उसके रंग से आती है। नॉर्मली मेहंदी लगाने के बाद हम उसे रातभर सुखाते हैं, उसके बाद ही मेहंदी का रंग निखरकर आता है। लेकिन अगर आप गुड़ की मेहंदी लगायें तो सिर्फ 5 मिनट में आपकी मेहँदी रच जाती है।
क्या आपने भी अपने घर में गुड़ और चायपत्ती की मेहँदी बनाई है? हमने तो भई बहुत बार बनाई है। आज मैं और मेरी दोस्त मेहँदी लगाने की बात कर रहे थे तो मुझे याद आया की बचपन में हम सहेलियों के साथ महीने में कई बार बनाते थे। लगाने के बाद जो खुशबू आती है भाई साहब मज़ा ही आ जाता है। दिल करता है बस हाथ से मेहँदी की खुशबू लेते रहें।
तो बचपन में मेहँदी कैसे बनाते थे चलिए आप सबको बताती हूँ। यह मेहँदी महज दो चीजों से तैयार हो जाती है गुड़ और चायपत्ती। बचपन में गुड़ तो हमारे घर में बेसुमार हुआ करता था। डिब्बा का डिब्बा गुड़ बनाकर घर में रखा रहता क्योंकि गन्ने अपने खेत में लगाए जाते थे तो उसकी कमी नहीं थी, रही बात चायपत्ती की तो वह भी हर घर में होती थी क्योंकि किसान परिवार चाय का आदि होता ही है। मतलब ढूढ़ना या दुकान जाकर खरीदने की जरुरत नहीं पड़ी। सहेलियों ने आपस में बात करके कुछ कुछ चीजें अपने अपने घर से ले आई थी। मैं ले आई थी अपने घर से तीन के डब्बे, मतलब सब चीजों का जुगाड़ भरपूर हो गया था। अभी महिलाएं इसमें रोली कुमकुम भी मिलाने लगी हैं।
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चलिए जानते हैं गुड़ की मेहंदी बनाने का तरीका
- गुड़ और चायपत्ती से मेहंदी बनाने के लिए एक टिन का पुराना डिब्बा लें।
- एक बाउल में 4 चम्मच गुड़ पाउडर, एक चम्मच चायपत्ती पाउडर और दो चम्मच शक्कर सभी को मिक्स करें और टिन के डिब्बे में रखें।
- -गुड़ और चायपत्ती के बीच में एक छोटी कटोरी या छोटे गिलास में पानी रख दें। ऊपर किसी कटोरी या ढक्कन को रखकर चिपका लें, ताकि भाप बाहर न आए। उस समय हम चूल्हें पर बनाते थे पर जो भी बनाना चाहें गैस पर धीमी आंच पर रखकर पकाएं। जब आपको लगे कि गुड़ अच्छे से पिघलकर भाप बन गया है तो गैस बंद करें।
- 5- जब टिन अच्छे से ठंडा हो जाए तो आराम से ऊपर वाला पानी का बर्तन हटा दें और आप देखेंगे कि अंदर गुड़ और चायपत्ती पककर भाप बनकर इकट्ठा हो गया है।
- तैयार है आपकी गुड़ से बनीं मेहंदी।
- यह मेहँदी नार्मल मेहँदी की तरह गाढ़ी नहीं बल्कि पतली होगी। आप सींक या एयरबर्ड इसमें रुई लगी होती है। इसकी सहायता से हाथ या पैरों पर लगा सकती हैं।
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गुड़ और चायपत्ती की मेहंदी का रंग बहुत गहरा चढ़ता है और हाथ या पैर कहीं पर इसे लगा सकते हैं। आप सोच रहे होंगे की अब जमाना बदल गया है लोग मेहंदी का कोन इस्तेमाल करने लगे हैं। अरे घबराइए नहीं इससे भी कोन बनाया जा सकता है। चलिए जानते हैं कोन कैसे बनाएंगे।
- सबसे पहले गिलास में जो भाप स्टोर हुआ है उसमें मैदा मिलाएं।
- इसको अच्छे से मिक्स करके कोन में भरें
- मेहंदी की सुंदर डिजाइन बनाकर सुखालें।
- सूखने के बाद हाथों में अच्छे से कलर आ जायेगा जो देखने में बहुत ही सुन्दर लगता है।
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