खबर लहरिया Blog चूल्हा जलाने की व्यवस्था करें या टपकते छप्पर की- फूला आदिवासी

चूल्हा जलाने की व्यवस्था करें या टपकते छप्पर की- फूला आदिवासी

टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक जतारा, ग्राम पंचायत किटाखेरा, मोहल्ला गांधीग्राम के लोग चूल्हा जलाने की व्यवस्था करें या टपकते छप्पर की 

आदिवासी बस्ती में बारिश में टपकती छत और गर्मी में तपते टीन की छत में जिंदगी गुजारने वाले परिवार आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना का इन्तजार कर रहे हैं। पक्के मकान का सपना देखने वाले इन लोगों को कई पीढ़ियों से अच्छे दिन आने का इन्तजार है लेकिन ये सपना कब पूरा होगा इन्हें नहीं पता।

हर प्रसाद आदिवासी ने बताया कि यहाँ पर 40-50 घरों का परिवार रहता है जहाँ पर आज भी लोग पन्नी डालकर कच्चे घरों में रह रहे हैं सरकार ने भले ही गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई है लेकिन गरीब लोग तक सरकारी लाभ नहीं पहुँच रहा है ठंड हो या बरसात हम इसी टपकती झोपड़िया में रहने को मजबूर हैं। बारिश के समय बच्चे रोते हैं जब घर में पानी भरता है पैर नीचे रखने की जगह नहीं होती लेकिन क्या करें कुछ कर भी तो नहीं सकते। आमदनी ही नहीं है हमारे पास की पक्की छत डाल सकें। 

फूला आदिवासी ने बताया कि बरसात के दिनों में घरों में पानी भर जाता है तो रात बैठे-बैठे ही बिताना पड़ता है। चूल्हा भी जलाने में डर लगता है पलक झपकते पता नहीं क्या हो जाये और इस समय तो ओले गिर रहें जो सीधे छप्पर से अन्दर गिरते हैं या बौछार से घर में आ जाता है। 

छोटे-छोटे घर हैं तो सारा पानी घर में ही भरता है। खाने का घर में कुछ है नहीं ऐसे में चूल्हा या  खाना का जुगाड़ करें या टपकते छप्पर को बनाने की व्यवस्था करें। फूला आगे बताती हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के शुरू होते ही उनको अपने लिए आवास की उम्मीद जगी थी की हमारा भी आवास को लेकर कई पीढ़ियों का इन्तजार ख़तम होगा लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ, और इसके लिए हम बराबर दरखास भी दे रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई हैहमारे घर अगर कोई मेहमान आ जाते हैं तो कहाँ बैठाएं खुद को रहने की जगह नहीं हैकई बार सरपंच को फार्म भी भरवा दिए हैं और वे लोग घरों की फोटो भी खींचकर ले गए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं करते हैं आवास के लिए जतारा मंगल दिवस में एसडीएम साहब को ज्ञापन भी दिया तो भी कोई जवाब नहीं मिला

 इस सम्बन्ध में सरपंच प्रियंका यादव के पति महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया है कि जिस तरह से सरकार की गाइडलाइन है उस हिसाब से हम काम कर रहे हैं 2011 के सर्वे के अनुसार जिन लोगों का नाम पात्रता सूची में है उनको आवास दिये गये हैं इस गाँव में 32 लोगों के आवास बनवाये गये हैं और भी 188 लोगों के नाम सूची में जोड़ दिए हैं जब लोगों के नाम से आयेगा तो दिया जाएगा

जतारा तहसील के एसडीएम सौरभ सौनवणे का कहना है कि जिन लोगों के 2011 की सूची में नाम थे उन लोगों को आवास दिए गए हैं जिन लोगों के सूची में नाम नहीं है और पात्र व्यक्ति हैं उनके नाम नहीं जुड़े हैं उनके आवास प्लस योजना में नाम जुड़वा दिये हैं जब आवास आवंटन आयेगा इसके बाद उनको आवास लाभ  का दिया जाएगा