तिजा का व्रत व्रत रहने से महिलाओं के स्वास्थ्य में किस तरह का प्रभाव पड़ता है
महिलाओं का कहना है कि हम लोग तीजा इसलिए रहते हैं की पुरानी परंपरा भी है और तीजा का व्रत छोड़ा भी नहीं जा सकता है जैसे कि 36 घंटे तक पानी नहीं पीते हैं उससे कई तरह की दांतो का सामना करना पड़ता है फिर भी हम अपने मनोकामना के लिए यह व्रत रहते हैं
यह व्रत महिलाएं और लड़कियां भी रहती हैं महिलाएं व्रत रहते हैं कि हमारे पति की आलू बड़े और अपने सुहाग के लिए रहते हैं इसमें खाना तो खाया ही नहीं जा सकता है लेकिन पानी भी नहीं पिया जा सकता है पानी पीने से तरह-तरह की बात पुराने लोग कहते थे और सोने का भी है कि सोया नहीं जा सकता अगर सोया जो कोई तो अजगर सांप बनता है
लड़कियों ने बताया है कि पार्वती ने यह व्रत शुरुआत की थी शंकर जी को पाने के लिए कि शिव शंकर जैसा बार मिले और उन्होंने तपस्या की थी इसी उद्देश्य से हम भी अपने जीवन की कामनाएं करते हैं कि आने वाले जीवन साथी से हम खुश रहें और ऐसा हमें जीवन साथी मिले जैसा शिव जी पार्वती को मिले थे
कठिनाइयां तो बहुत होती हैं जिस दिन हम व्रत रहते हैं उस दिन तो कुछ नहीं लगता है फिर उस के दूसरे दिन चक्कर आते हैं अगर हम कुछ खाना खाया तो जी मिचलाता है।
कमजोरियां भी बहुत महसूस होती हैं लेकिन ऐसा व्रत ही है कि हमें रहना पड़ता है हम अपने खुशी से ही रहते हैं ना ही हमें कोई मना करता है व्रत रहने के लिए
महिला ना डॉक्टर ने बताया है कि यह महिलाएं सब अंधविश्वास पर ही सब यह करते हैं जो कि ऐसा भगवान नहीं कहता है कि तुम भूखे बैठे व्रत रहो अगर व्रत रहना है तो व्रत तो अच्छा ही होता है लेकिन अपने स्वास्थ्य को ध्यान देने की बहुत जरूरत होती है हम भी कई ऐसी महिलाओं को इलाज किया है जो उनकी तबीयत बिगड़ गई है व्रत रहने से हमारा यही संदेश है कि कोई भी महिला व्रत रहे लेकिन पानी सबसे ज्यादा ही पिए और फल भी खाए इस तरह से व्रत रहे ना कि ऐसा व्रत ना रहे कि 36 घंटे पानी ना पिए