महोबा जिला तहसील कुलपहाड़ अंतर्गत आने वाले कई ऐसे गांव हैं जहां पर जोरों से फैली बकरियों की बीमारी। अतरपठा गांव के परमलाल ने बताया 20,000 कीमत की बकरियां थी लेकिन वह भी बीमारी से खत्म हो गई है जो कि मैं अपना भरण-पोषण बकरियां चलाकर ही करता था घर में और कोई मजदूरी ना ही कोई खेती-किसानी थी।
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बकरियों में बीमारी के खास लक्षण
शरीर में बड़े-बड़े दाने निकलना
चक्कर आना
सुस्ती आना
शरीर में सूजन हो जाना
विद्या और मालती नहीं बताया है कि वह भी बकरिया बीमार है उसको लकवा लग गया है खड़ी भी नहीं हो पा रही है। आदित्य ने बताया कि मेरी तो 15 दिन पहले बकरियां मर गई हैं जिनकी कीमत लगभग 20 हजार से ज्यादा की थी। मौहारी गांव की राजेश्वरी ने बताया की 15 दिनों में एक घर से 7 बकरियां मर रही हैं और भी बकरिया जो रखे हैं वह भी बीमार पड़ रही है। किसी को लकवा की शिकायत है तो किसी को डायरिया हो रही है।
एसके सचान पशु चिकित्सा अधिकारी कुलपहाड़ से जब इस मामले में बात हुई तो उन्होंने बताया की बकरियों के लिए कोई अलग से ट्रीटमेंट नहीं है और यह भी है कि बकरियां को हर 3 महीने में कीड़ों की दवाई खिलाना चाहिए। पेट से ही सारे मर्ज तैयार होते हैं और यह दवाई हमारे अस्पताल में फ्री में उपलब्ध हैं। बकरियां बीमार हैं तो ग्रामीणों को खुद अस्पताल लेकर आना पड़ेगा।
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