कहने को तो महोबा जिले में कई ऐसे तालाब है जिनका नाम बच्चे-बच्चे की जुबान से सुनने को मिल जाए और जो आज से कुछ साल पहले पर्यटकों के घूमने की जगह हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान में यही तालाब गंदगी के आभाव में वीरान पड़े हैं। उनमें से एक है महोबा का चर्चित किशोर सागर तालाब।
महोबा जिले के कस्बा कुलपहाड़ में बरसों पुराना तालाब जो किशोर सागर के नाम से जाना जाता है। इस तालाब की सुन्दरता देखने के लिए आज से लगभग 50 साल पहले दूरदराज के लोग आते थे। लेकिन वर्तमान में इस तालाब की सुन्दरता गंदगी में तब्दील हो गई है। इस तालाब में चारो तरफ सीढियां बनी थी जब पानी नहीं होता था तो रोमांचक मैच होता था उन्हीं सीढियों में बैठकर लोग मैच देखते थे।
कुलपहाड़ के रहने वाले महेश प्रताप ने बताया है कि इस तालाब की गहराई लगभग 30 से 40 फीट है। यहाँ के लोग इस तालाब में कपड़ा धोते और नहाते थे। इतना सुंदर पानी रहता था कि घर में नहाने का मन नहीं करता था। तालाब में डुबकी लगाकर नहाने में बहुत आनंद आता था।
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शादियों में धुले जाते थे गेंहू और दाल
लाडली जो कुलपहाड़ कस्बा की निवासी हैं उन्होंने बताया कि यह तालाब बहुत पुराना है। अब तो उनकी उम्र साठ साल हो गई नहीं जा पाती हैं पर पहले जब शादी विवाह का समय होता था तो कई औरतें मिलकर इसी तालाब में गेंहू धुलने जाती थी। अब लगभग 20 साल से ऐसी स्थिति बन गई है कि इस तालाब को देखने का मन नहीं करता है। देखते ही देखते इतना जमाना बदल गया कि तालाब का नामोनिशान ही खत्म हो गया।
ऐसे बदल गई तालाब की रंगत
ठाकुर दास ने बताया है वह इसी तालाब का पानी पीते थे। कितना सुंदर और स्वच्छ पानी आता था। वह कहते हैं किशोर सागर तालाब कि जितनी भी तारीफ करें कम है। कुलपहाड़ कस्बा के पुरानी तहसील के नजदीक बना बड़ा तालाब उससे झरना से किशोर सागर तालाब में पानी आता था और वह इतना स्वच्छ पानी रहता था कि एक-एक पत्थर झलकता था। अब इस तालाब की स्थिति ऐसी है कि नाक मूंदकर चलना पड़ता है। तालाब का सुंदरीकरण करवाकर दुबारा जीवित किया जाना चाहिए। कई बार इसके लिए मांग भी किया है कि यह तालाब का सुन्दरीकरण करवाया जाए पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
ठाकुर दास बताते हैं कि यह तालाब बस्ती के अन्दर होने की वजह से सारी गंदगी उसी तालाब में जा रही है। इस गंदगी की वजह से आसपास रहने वाले लोगों पर असर पड़ रहा है। यहाँ जो भी चेयरमैन बनते हैं वह अपना ही विकास करने में लगे रहते हैं यही वजह है कि आज तालाब की इस तरह की स्थिति बन गई है।
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बुजुर्गों से कहानियां सुनने का अड्डा था तालाब का किनारा
मुन्ना और राघवेंद्र का कहना है कि बुजुर्गों से इस तालाब की बहुत अच्छी-अच्छी बातें सुनने को मिलती थी। पर जबसे जानकार हुआ ऐसी ही गंदगी दिख रही है। अब इस तालाब में बड़े-बड़े नालों को जोड़ दिया गया है। इस वजह से इस तालाब की सुन्दरता पर कीचड़ का ग्रहण लग गया है। बुजुर्ग लोग बैलगाड़ी लेकर आते थे तालाब के किनारे खड़ी कर देते थे। बैलों को भी पानी पिलाते थे और खुद भी पीते थे। किस्से कहानियां होती थी।
निर्दोष कुमार अधिशाषी अभियंता नगर पंचायत कुलपहाड़ ने बताया कि किशोर सागर तालाब की जो स्थिति है वह लोगों ने खुद ही बनाई है। घरों से निकलने वाले कूड़े और गन्दा पानी उसी तालाब में जाता। दूसरी बात कि उस तालाब के किनारे बनी दुकानों में मुकदमा चल रहा था इस वजह से सफाई नहीं कराई जा सकी। अब मुकदमा फाइनल हो गया है प्रयास चल रहा है जल्दी सफाई करवाया जाए।
यह सिर्फ महोबा के एक तालाब की बात नहीं है गाँव में आपको ऐसे कई तालाब देखने को मिल जायेगे जो जीर्णोद्धार न होने से अपना अस्तित्त्व खो चुके हैं। जिम्मेदार कर्मचारियों अधिकारियों को चाहिए की उनकी मरम्मत कराकर पुनः जिवंत किया जाए।
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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