जिला बांदा ब्लाक नरैनी कस्बा कॉलेज जहां का इतिहासिक कलिंजर किला के नाम से जाना जाता है वहीं पर कालिंजर मेला महोत्सव दिनांक 20 फरवरी 2020 से शुरुआत थी आज दिनांक 24 फरवरी 2020 को समापन है
कालिंजर मेला महोत्सव का मेले में अलग-अलग क्रम जैसे प्रोग्राम हुए। दुकानदारों का कहना है की इस मेले में बहुत अच्छा लगा लखीमपुर खीरी से आई गीता देवी। का कहना है कि मैं समूह में भी काम करती हूं और समूह के साथ साथ में अपनी दुकान कलिंजर महोत्सव में लगाने के लिए आई हूं जिसमें तरह-तरह का अचार और मुरब्बा जैसी और यहां पर सबसे खास बात यह थी कि व्यवस्था अच्छी थीबांदा: कालिंजर महोत्सव में कागज़ की ड्रेस बनी आकर्षण
और अच्छी हमारी दुकानदारी हुई हैं इस साल। मेला देखने वाले लोगों का कहना है कि हर साल तो मेला लगता था लेकिन इतना व्यवस्थित मेला नहीं जाता था क्योंकि अगर देखा जाए तो वैज्ञानिक भी खेती के बारे में बताते हैं और साथ ही जगह-जगह दवा गोली के स्टॉल लगे हुए हैं आसानी से लोग यहां पर दवाइयां भी लेता है गांव कालिंजर के लोगों का कहना है कि यह मेला हमारे यहां कलिंजर का होना था
लेकिन किस वजह से कलिंजर कार्तिक माह में नहीं हो पाया है वहीं मेला यह महाशिवरात्रि का ही हुआ है जिससे अच्छा हुआ है और हम आगे चाहते हैं कि हमारे कलिंजर मैं इसी तरह का मेला लगे कुछ मेला देखने वाले यह भी कहते हैं कि हमारे यहां इसी तरह का मेला लगेगा तो पर्यटन जैसी चीजें भी अच्छी होंगी और अच्छे लोगों को रोजगार भी मिलेगा जब हमने सुना था कि यह मेला महोत्सव होना है हम लोगों को खुशी हुई थी
कुछ दुकानदारों ने बताया है कि कलिंजर मेले में बहुत अच्छी सुविधा है जैसे कि पुलिस प्रशासन साफ-सफाई जैसी और यहां पर अलग-अलग बिन कार्यक्रम भी हुए हैं जैसे कि संस्कृति कार्यक्रम बच्चों को उत्साहित करना नाच और गाना भी हुए हैं। बेटी बचाओ जैसे नाटक दहेज हत्या गोरा पार्वती का डांस अलग-अलग तरह से हुए हैं