किसान इस समय लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से परेशान हैं। महोबा जिले में 5 जनवरी से बारिश हो रही है। इससे खेतों में पानी भर गया है। किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गयी है। कई किसानों ने ऐसे समय के लिए फसल बीमा योजना भी करवाया हुआ था। वहीं कई किसानों को इसके बारे में पता भी नहीं है। जब किसानों को पता चला तो उन्होंने भी दवा पत्र भरकर दिया ताकि उन्हें भी फसल बीमा का लाभ मिले।
बमुलिया किसान कहते हैं कि छोटे-मोटे किसानों को योजनाओं के बारे में नहीं पता होता। वह चाहते हैं कि बीमा कंपनी को जगह-जगह जाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए ताकि हर किसान को इसके बारे में पता चलें। किसानों ने कहा कि दवा पत्र 72 घंटो में भरा जाना चाहिए। कुछ गाँव के किसानों ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता ‘दवा पत्र’ किसे कहते हैं। उनका कहना है कि प्रशासन उनके यहां आए और जांच पड़ताल करके यह निकाले कि उनका कितना नुकसान हुआ है। फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान यह सोच रहे हैं कि अब उनका पूरा साल कैसे निकलेगा।
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जैतपुर ब्लॉक के बीमा कम्पनी के मलखान सिंह ने खबर लहरिया को बताया कि मोबाईल या पैम्पलेट के ज़रिये उन्होंने किसानों को सूचना दी है। किसान कुलपहाड़ कृषि बीज भंडार में आकर अपना दवा पत्र जमा करवाएं। उन्होंने अभी तक 150 से ज़्यादा फॉर्म भरे हैं। लगभग 600 लोगों का किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा जैतपुर ब्लॉक से करवाया हुआ है। 72 घंटे का नियम है कि इतने समय में किसान को अपना दवा पत्र भरकर जमा करवाना होता है। कौन सी फसल बोई थी, कितनी फसल खराब हुई, यह सब दवा पत्र में भरना होता है।
जो किसान दवा पत्र नहीं भर पाए हैं उसके लिए वह उच्च अधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जब वह दवा पत्र भरकर जमा करेंगे तो उसके बाद एक टीम गठित की जायेगी। सर्वे होगा और उसके आधार जितना नुकसान सामने आएगा, किसानों को उस हिसाब से बीमा दिया जाएगा।
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