बीजेपी सांसद शेवाले ने आठ स्थानीय रेलवे स्टेशनों का नाम बदलकर लालबाग, डोंगारी, कालाचौकी, मझगांव और तीर्थकर पार्श्वनाथ स्टेशन करने की मांग की है। पश्चिम रेलवे के नेटवर्क पर मरीन लाइन्स, चर्नी रोड और मुंबई सेंट्रल स्टेशनों का नाम बदलकर मुंबादेवी, गिरगांव और नाना जगन्नाथ शंकरशेठ स्टेशन रखा जाएगा।
लोकसभा चुनावी माहौल में एक और बड़ी खबर सामने आयी है। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार ये नाम ब्रिटिश समय के है इसलिए इसके नाम बदलने की मांग जनता की भी थी। शिवसेना सांसद शेवाले ने कहा, ‘मुंबईकरों की सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद राज्य सरकार की प्रारंभिक मंजूरी एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने संकेत दिया कि प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।”
बीजेपी सांसद राहुल शेवाले ने बताया कि भारतीय संविधान में ब्रिटिश काल के नाम बदलने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है। इस अधिकार का इस्तेमाल क्ले आधार पर रेलवे स्टेशनों के नए नाम का प्रस्ताव महाराष्ट्र सरकार ने गृह मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय को दिया है।
बीजेपी सांसद शेवाले ने आठ स्थानीय रेलवे स्टेशनों का नाम बदलकर लालबाग, डोंगारी, कालाचौकी, मझगांव और तीर्थकर पार्श्वनाथ स्टेशन करने की मांग की है। पश्चिम रेलवे के नेटवर्क पर मरीन लाइन्स, चर्नी रोड और मुंबई सेंट्रल स्टेशनों का नाम बदलकर मुंबादेवी, गिरगांव और नाना जगन्नाथ शंकरशेठ स्टेशन रखा जाएगा।
लाइव मिंट की रिपोट के अनुसार, बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार ने शहर के एलफिंस्टन रोड स्थानीय स्टेशन का नाम बदल दिया था। जिसका नाम 1853 से 1860 तक बॉम्बे प्रेसीडेंसी के गवर्नर लॉर्ड एलफिंस्टन के नाम पर रखा गया था। इसे पास के प्रभादेवी मंदिर के नाम पर प्रभादेवी स्टेशन रखा गया। 2017 में ही दक्षिण मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस का नाम सम्मानित ‘महाराज’ जोड़कर संशोधित किया गया था। अब इसे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के नाम से जाना जाता है।
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मुंबई रेलवे स्टेशन के पुराने और नए नाम
करी रोड – लालबाग
सैंडहर्स्ट रोड – डोंगरी
मरीन लाइन्स – मुंबा देवी
चर्नी रोड – गिरगांव
कॉटन ग्रीन – ब्लैक चौकी
डॉकयार्ड रोड – मझगांव होगा
किंग्स सर्कल – तीर्थंकर पार्श्वनाथ
महाराष्ट्र सरकार पहले ही मुंबई सेंट्रल स्टेशन का नाम बदलकर नाना जगन्नाथ शंकरशेठ स्टेशन करने का प्रस्ताव केंद्र को भेज चुकी है।
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शिवसेना सांसद ने कहा जनता की मांग
शिवसेना सांसद का कहना है कि रेलवे स्टेशनों के ब्रिटिश नाम बदलने की जनता की मांग थी। वहीं खाकी हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक भरत गोथोस्कर ने कहा कि रेलवे स्टेशनों, सड़कों या चौराहों के नाम नहीं बदले जाने चाहिए क्योंकि उनके साथ इतिहास जुड़ा हुआ है। गोथोस्कर ने बताया कि स्टेशन के कुछ नामों जैसे चर्नी रोड और मरीन लाइन्स का कोई औपनिवेशिक संबंध नहीं है।
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