खबर लहरिया क्राइम एमपी से सटे बॉर्डर की घटना : एक किसान का फंदे से लटका मिला शव, हत्या या आत्महत्या!

एमपी से सटे बॉर्डर की घटना : एक किसान का फंदे से लटका मिला शव, हत्या या आत्महत्या!

मृतक मुकेश के पिता दिनेश रो-रो कर कहते हैं कि अकेला बेटा था, टेंट और जूता-चप्पल की दुकान थी। बेटे के नाम पांच बीघे जमीन भी थी लेकिन थोड़ा पारिवारिक रंजिश थी। उन्हें शक है कहीं यही वजह तो नहीं है। इसलिए पोस्टमार्टम कराया गया है।

Madhya Pradesh: Farmer's body found hanging, cause of death unclear

                                                     सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार – सोशल मीडिया)

मध्यप्रदेश की सीमा से गांव में एक किसान का शव बंद कमरे में फंदे से लटका मिला। इसके पीछे हत्या है या आत्महत्या यह सवाल अब भी है और इसकी जाँच के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बांदा जिले के बरियारपुर गांव के रहने वाले 22 वर्षिय मुकेश की मौत ने इस मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है कि किस तरह किसान आर्थिक, मानसिक और सामाजिक दबावों से जूझते हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि फसल का नुकसान, कर्ज का बोझ, खाद व बीज की किल्लत, पानी और बिजली की समस्याएं, और प्राकृतिक आपदाएं किसानों के लिए अभिशाप बन जाती हैं। जैसे की इस समय रबी की बुवाई का समय जोरों पर है, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल रही। खाद के लिए किस लंबी लाइन लग रहे हैं लड़ाई झगड़ा हो रहे हैं किसान चिंतित हैं और खाद न मिलने से धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। इससे भी बढ़कर, प्रशासनिक लापरवाही और समर्थन की कमी किसानों को हताश कर देती है, जिससे वे कई बार आत्महत्या जैसे दुखद कदम उठा लेते हैं।

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परिवार ने जताई हत्या की आशंका

इस मामले में गांव के मंगल सिंह पटेल कहते हैं कि मुकेश के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। उनके परिवार का कहना है कि उनके बेटे को मारा गया है, क्योंकि उनका बेटा इस तरह का काम नहीं कर सकता, ना ही उसने कभी कोई परेशानी बताई है। मंगल सिंह यह भी बताते हैं कि मुकेश के पास अच्छी खासी खेती है। वह खुद टेंट का काम करता था तो अच्छी खासी कमाई होती थी। घर में अकेला लड़का था, सिर्फ एक बहन और भाई थे।

घटना का विस्तार

घर से मंगलवार 19 नवंबर की सुबह खेत में सिंचाई के गया था। रात में मृतक मुकेश के चाचा और पिता को खेत जाना था, लेकिन लगभग 10:00 बजे मुकेश ने फोन करके मना कर दिया कि वह खेत में पानी लगा लेगा। इसके बाद से मुकेश का फ़ोन नहीं लगा, 20 नवंबर की सुबह जब वह 11 बजे तक खेत से घर नहीं आया तो परिवार ने खोजबीन शुरू कर दी। उन्हें लगा मुकेश खेत से आकर गांव में किसी दोस्त के साथ हो। जब गांव में नहीं मिला तो खेत गए और कमरे का दरवाजा खोला तो देखा कि शव फंदे पर लटका था।

मृतक के परिवार का बुरा हाल

मृतक मुकेश के पिता दिनेश रो-रो कर कहते हैं कि अकेला बेटा था, टेंट और जूता-चप्पल की दुकान थी। बेटे के नाम पांच बीघे जमीन भी थी लेकिन थोड़ा पारिवारिक रंजिश थी। उन्हें शक है कहीं यही वजह तो नहीं है। इसलिए पोस्टमार्टम कराया गया है।

हालांकि, मध्य प्रदेश के धर्मपुर थाना पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारण का पता चलेगा, लेकिन यह निश्चित रूप से एक जांच का विषय है।

उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में किसानों की दुर्दशा लगातार बढ़ रही है। किसान अपने भविष्य को लेकर चिंताओं और संकटों से जूझते हुए अकसर आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं या किसी वजह से उनकी हत्या कर दी जाती है। किसानों के लिए एक चुनौती बन गई है की वह अपना परिवारिक जीवन कैसे चलाए। उनके ऊपर कई तरह के दवाब होते है जो अंदर-अंदर ही उनकी मानसिकता पर हावी हो जाते है। यही वजह है जो आत्महत्या की घटनाओं का कारण बन रही हैं।

यदि इन मुद्दों पर गंभीर रूप से ध्यान नहीं दिया गया, तो यह सिलसिला और बढ़ सकता है। सरकार और प्रशासन को विचार करना चाहिए कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।

 

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