दिल्ली- कोरोना वायरस से जूझ रही जनता अब पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से भी त्रस्त नजर आ रही है. कोरोना का तो वैक्सीन भी आ गया लेकिन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का वैक्सीन सरकार के पास भी नहीं है. इतने से ही सरकार का पेट नहीं भरा तो आज से दिल्ली में एलपीजी गैस सिलेंडर भी महंगा होने जा रहा है। 14.2 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ जाएंगे। बताया जा रहा है कि आज दोपहर 12 बजे के बाद ये नए दाम लागू हो जायेंगे। कीमत बढ़ने के बाद 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत 769 रुपये प्रति सिलेंडर हो जाएगी।
आज से लागू होगी नई कीमत
जहाँ एक और जनता पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से त्रस्त थी। अब सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर दाम बढ़ाकर लोगों के बजट को पूरी तरह से बिगाड़कर रख दिया है। यह फरवरी के महीने में दूसरी बार है जब गैस के दाम बढ़े हैं।
जानिए कब और कितना बढ़े हैं गैस के दाम
दिसंबर 2020 में भी दिल्ली में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा हुआ था। जनवरी में बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 694 रुपये थी। फरवरी की शुरुआत में घरेलू गैस की कीमत में वृद्धि नहीं की गई थी और यह अपनी पुरानी कीमत 694 रुपये में ही उपलब्ध थी। इसके बाद 4 फरवरी को एक बार फिर गैस सिलेंडर के रेट 20-25 रुपये बढ़ा दिए गए और दिल्ली में इसकी कीमत 719 रुपये हो गयी। अब एक बार फिर तेल कंपनियों ने बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है।
हर महीने की पहली तरीख को एलपीजी के भाव में होते हैं बदलाव
द इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी समाचार पत्र के अनुसार हर महीने की पहली तरीख को एलपीजी के भाव में बदलाव होते हैं। इस बार एक फरवरी को सिर्फ कमर्शियल गैस सिलेंडर के भाव में 190 रुपये की वृद्धि हुई थी। इस कटौती के बाद देश की राजधानी में 19 किलो वाले सिलेंडर का भाव 1533.00 रुपये, कोलकाता में 1598.50 रुपये, मुंबई में 1482.50 रुपये और चेन्नई में 1649.00 रुपये हो गए थे। इस वक्त घरेलू रसोई गैस के भाव में बदलाव नहीं किया गया था। इसके बाद दिल्ली में 14 फ़रवरी को गैस सिलेंडर के भाव 50 रुपये बढ़ाने का ऐलान कर दिया गया है। कोलकाता में रसोई गैस सिलेंडर के भाव 745.50 रुपये से बढ़कर 795.50 रुपये हो गए हैं। इसी तरह चेन्नई में अब रसोई गैस सिलेंडर 735.00 रुपये की जगह 785.00 रुपये में मिलेगा
बिगड़ा रसोई का बजट
सरकार की मंशा थी कि गरीब परिवार भी गैस में खाना बनाये ताकि वो धुआं के प्रदूषण से बच सके सकें लेकिन बढ़ते गैस के दाम से लोग ऊब गये हैं। जिनके पास में सरकारी नौकरी है या खुद का विजनेस है वो तो किसी तरह से इतना मंहगा सिलेंडर खरीद सकते हैं लेकिन गरीब आदमी जिसकी कभी कभार ही मजदूरी लगती है वो इतना मंहगा गैस कैसे खरीद पायेगें? क्या ऐसे में गरीब मजदूर लोग गैस भरा पायेंगे। आखिर सरकार कोई भी योजना चलाने के पहले उसका आंकलन क्यों नहीं करती हैं। क्यो हर बार आम जनता और गरीबों के साथ में मजाक होता है।
बढ़ते रसोई गैस के दामों पर राहुल गांधी ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साथा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”जनता से लूट, सिर्फ़ ‘दो’ का विकास।” इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट में #LPGPriceHike का भी इस्तेमाल किया। बता दें कि घरेलू रसोई गैस के दामों में रविवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
जनता से लूट,
सिर्फ़ ‘दो’ का विकास।#LPGPriceHike pic.twitter.com/GHdNcQJFYq— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 15, 2021
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89 रूपये के करीब पहुंचा दिल्ली में पेट्रोल का दाम
पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले एक हफ्ते से लगातार बढ़ रहे हैं। अगर हम एनडीटीवी समाचार पत्र के आंकड़ों की बात करें तो लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमतें 95 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी हैं। वहीं, दिल्ली में पेट्रोल 88 रुपए प्रति लीटर से ऊपर के हिसाब से बिक रहा है। रविवार यानी 14 फरवरी, 2021 को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार छठे दिन बढ़ोतरी की है।
पेट्रोल के दामों में 29 पैसों और डीजल के दामों में 34 पैसों की बढ़ोतरी हुई है। कीमतों में आज के बदलाव के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 88.73 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 79.06 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं, मुंबई में तो पेट्रोल अलग ही रेस में भाग रहा है। यहां पर पेट्रोल की कीमत 95.21 रुपए प्रति लीटर चल रही है. वहीं डीजल भी 86.04 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। चेन्नई में पेट्रोल के दाम 90.96 रुपए प्रति लीटर है तो कोलकाता में 90.01 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
कोरोना वायरस के चलते लोग वैसे ही अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं जिसकी जिम्मेदार भी सरकार ही है। और अब पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाकर लोगों का खाना और चलना-फिरना भी मुश्किल कर दिया है। आखिर सरकार चाहती क्या है?