Lok Sabha Elections 2024: इंडिया गठबंधन के अंदर टिकट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। टिकट बंटवारा किस आधार पर होगा? आईये मेरे इस शो के माध्यम से समझते हैं।
बिहार में इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन में किसका पलड़ा भारी नज़र आ रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर इंडिया गठबंधन यानी जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के शेयर को मिला दें तो 49% वोट होता है। वहीं एनडीए गठबंधन यानी बीजेपी, आरजेपी, आरएलएसपी, एचएएम को मिला दें तो उनका वोट शेयर 38% वोट होता है मतलब कि दोनों गठबंधन के वोट शेयर में 11 प्रतिशत का अंतर था।
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2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया में सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू हो गई है। 13 सितंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई। इस बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर रैली और मीडिया स्ट्रेटेजी पर बातचीत हुई। सीट शेयरिंग को लेकर सदस्य दल आपस में बातचीत करेंगे और जल्द से जल्द फैसला लेंगे लेकिन बड़ा सवाल है कि सीटों का बंटवारा कैसे होगा? किस फॉर्मूले के तहत सीट बांटे जाएंगे। इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
एनडीए की पिक्चर अभी भी साफ नहीं है हालांकि, एक तरफ जहां इंडिया गठबंधन एकजुट नज़र आ रहा है। वहीं एनडीए का मामला पूरी तरह से साफ नहीं है। चिराग पासवान ने तो हाथ मिला लिया है लेकिन हाजीपुर सीट को लेकर पशुपति पारस और वो आमने-सामने हैं। पारस मोदी कैबिनेट में हैं तो चिराग अभी-अभी एनडीए के साथ आए हैं। वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने भी सार्वजनिक रूप से एनडीए में शामिल होने का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में एनडीए में भी सीट शेयरिंग को लेकर भी पेंच फंसता नज़र आ रहा है।
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बता दें कि इंडिया गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी में आरजेडी से तेजस्वी यादव और जेडीयू से ललन सिंह को शामिल किया गया है। कहा जा रहा है कि कोऑर्डिनेशन कमेटी 30 सितंबर तक सीट बंटवारे पर फैसला ले सकती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कह चुके हैं इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां देश की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं और अगर हम एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी चुनाव जीत ही नहीं सकती है।
अब देखना होगा कि इंडिया गठबंधन में शामिल बिहार की पार्टियों को कितनी-कितनी सीटें मिलती हैं। इसके साथ की एनडीए के खिलाफ उम्मीदवारों का चयन भी अहम होगा। इसमें महिलाओं के चेहरे कितने होंगे? कौन-से ऐसे चेहरे होंगे जो बीजेपी को टक्कर दे सकेंगे? इन्हीं सवालों के साथ मैं लेती हूं विदा। अगली बार फिर आउंगी किसी नए चुनावी मुद्दे के साथ तब तक के लिए नमस्कार!!