जामिया मिलिया मामले पर जानिए क्या है स्थानीय लोगों की राय :रविवार का दिन छुट्टी का होता है लोग हप्ते भर के काम से ब्रेक लेकर अपने परिवार या दोस्तों के साथ मस्ती करते हैं लेकिन 15 दिसंबर का रविवार बिलकुल अलग था लोग अपने घरों में बैठे टीवी पर फेवरेट फिल्म या धारावाही नहीं दिल्ली का हाल जानने के लिए न्यूज़ चैनल देख रहे थे. कारण ये है की नागरिकता संशोधन बिल का विरोध रुकने का नाम नहीं ले रही.
अब खबर सुनने को मिल रही है जामिया मिलिया इस्लामिया में इस विधेयक को लेकर मामला उग्र हो रहा है. जामिया में प्रर्दशनकारियों ने 3 बसों में आग लगा दी है। जब बूझाने के लिए मौके पर दमकल की गाड़िया पहुंची तो छात्रों ने एक कर्मचारी पर भी हमला कर दिया जो कि घायल हो गया है। पुलिस के अनुसार इस हिंसक प्रदर्शन में छह पुलिसकर्मी और दो दमकल कर्मी जख्मी हो गए।
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— Khabar Lahariya (@KhabarLahariya) December 15, 2019
सुनने में ये भी आया था कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता अभिषेक दुबे ने आरोप लगाया कि अमानतुल्लाह खान ने विवादित बयान दिया और लोगों को इस हिंसा के लिए उकसाया था लेकिन आप विधायक ने अपनी सफाई में कहा है कि “जिस समय यह घटना हुई तब मैं शाहीन बाग में मौजूद था जबकि यह घटना दूसरी जगह हुई है। जो कि न्यू फ्रेंडस कॉलानी में हुई है। वह कहते हैं यह आरोप सरासर गलत है कि मेरी अगुवाई में आगजनी हुई है। मैं जहां मौजूद था वहां किसी तरह की कोई आगजनी नहीं हुई है। और मेरे पास मेरी मौजूदगी के सबूत हैं।“अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया में भी दलितों को मिले आरक्षण: योगी
अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है इसकी सुनवाई 17 दिसंबर को की जायेगी। आपको बता दें कि इस मामले पर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है. इंदिरा जय सिंह ने कहा कि “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित सारे देश में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हिंसा की जा रही है कई लोग अस्पताल में पडे हैं और उनके खिलाफ ही एफ आई आर दर्ज की गई है, कई छात्र गिरफ्तार हुए हैं, तो कई छात्र अभी तक गायब हैं. यह मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन है. जामिया में पुलिस ने ही बसें जलाईं हैं.”
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उनकी अर्जी को संज्ञान में लेते हुए प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा है कि “हम भी चाहते हैं कि हिंसा रुके, हमारे पास अनुभव है कि दंगा कैसे होता है. हम ऐसे माहौल में कोई फैसला नहीं दे सकते हैं. हम पहले सुनवाई करेंगे फिर देखेंगे कि किसने दंगा किया”. साथ ही सरकार को आदेश दिया कि वह सभी घायलों को मेडिकल सुविधा देने का इंतजाम करे.