ललितपुर: लॉकडाउन में नही दिख रहे है सपेरा डांस :गांव का चोरा ब्लाक महरौनी जिला ललितपुर गांव का चोरा के जो सपेरा नाच लोग हैं उनका कहना है कि हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जब लोग दान नहीं लगा था इसके पहले हम लोग गांव-गांव जा सपेरा डांस कर के और मांग करके लाते थे तो आपने बच्चों और बीवी का खाते उसी से चलाते थे भरतपुर सर भी उसी से करते थे उतना जमीन जा जात तो है नहीं बस उसी से हमरा भरण-पोषण करते थे वही हमारा धंधा है जब से लॉक डालना है तो हम लोग कहीं नहीं जा पा रहे हैं अगर जहां जाते हैं तो पुलिस हम लोगों को रोक शेयर करती है और किसी गांव में अगर चले भी जाते हैं तो लोग भगा देते हैं कि लोग दान लगा हुआ है और आप लोग इधर क्यों आ गए हो तो इस वजह से लोग दान के चलते समय हम लोगों को भगा दिया जाता है तो हम लोग कहीं नहीं जा पा रहे हैं और हम लोगों को ऐसी मदद भी नहीं की जा रही है हम लोगों को 5 किलो आटा मिला था उससे क्या होता है यह क्या 2 दिन का गुजारा चल गया है बस इसके अलावा तो हम लोगों को क्या खाएं क्या पिए क्या बच्चों को खिलाकर हम लोगों को कोई सरकार नहीं देती है तो हम लोग अपने बीवी बच्चे लेकर कहां जाएंगे क्या करेंगे तो लोन के चलते समय हम लोगों को दो-दो तीन-तीन दिन हम लोगों के चूल्हे नहीं चल रहे हैं और खाना भी नहीं बन पा रहा है ऐसी झोपड़ी में भी रह रहे दिन गुजार रहे कहां क्या करें तो ऐसी स्थिति में लॉक नहीं खुलता है और हम लोगों को कोई निकलने की इजाजत नहीं मिलती है तो फिर हम लोग कहां जाएंगे तो अगर ऐसा हम लोगों के साथ होता ही रहेगा तो भूखों से मारना तो हम लोग अपने बच्चों और हम लोग आत्महत्या कर के अपने राम दे देंगे क्योंकि अगर ऐसे तड़प-तड़प के मरेंगे तो हम इसको सहन नहीं कर पाएंगे ना तो इसलिए हम लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे किस से मदद मांगे और कौन देगा तो कहते हैं कि आपको जो सरकार से आई है तो उससे क्या होता है 2 दिन के लिए हो गया बस बैठे हैं भूखे मर रहे हैं इसके अलावा हम लोगों के पास कोई उपाय नहीं है तो हम लोग मजबूरन होकर के आत्महत्या करने पर खड़े हुए