गांव मिर्चवारा ब्लॉक जखौरा जिला ललितपुर गांव में छुआरा के किसान लोगों का कहना है कि हम लोग इस चने को इसी मौसम में बढ़ते हैं और खाते हैं क्योंकि और अन्य मौसम में चीजें और यह फसलें नहीं होते ऐसे मौसम में होते 1 साल के बाद है फसल आती है और इसी मौसम में हम लोग इसको बड़े रुचि से इसको खाते हैं इसके पीछे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे कांटे घोड़े एक साथ में ढूंढ करके लाते हैं और उसको फिर हम लोग दबे खता कर लेते हैं फिर इसको खेत में से पता करके लाएंगे तब जलाते हैं और नॉनवेज के साथ इसको बड़े स्वादिष्ट से खाते हैं और बहुत टेस्टी स्वादिष्ट होता है क्योंकि जब हम लोग झूले झूले से बनाते हैं तो इसमें कोई स्वाद नहीं रह जाता है और हम लोगों को एक मौके बार-बार नहीं मिलते हैं जैसे सिटी में लोग रहते हैं तो उनको नहीं यह चीजें खाने के लिए मिलती है क्योंकि जब बोलूं तो बाजार से खरीद कर लाएंगे और अपने घर पर झूले आगे चूल्हे से आएंगे तो इसमें कोई स्वाद नहीं रह जाएगा इसलिए हम लोग ज्यादातर किसान लोग और देहाती के लोगों को मौका मिलता है और हम लोग इसको बड़े आनंद के साथ खाते हैं अपने खेतों पर जा कर के और अच्छे दिन से जलाते हैं और फिर इसको खाते हैं तो हम लोग भी इससे बहुत पसंद करते हैं क्योंकि इसमें काफी स्वाद होता है और हर साल में एक बार मौका मिलता है खाने के लिए तो इसलिए हम लोग इसको बड़े रूप से खाते हैं और टेस्टी भी होता है
इसी मौसम में चना मिलता है सभी लोग अपने मनोरंजन के साथ साथ चना को भून कर रहे है और स्वाद भी बहुत आता है इस चने में इसी मौसम ठंड में मिलता है फिर नहीं मिलता है
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