जनवरी 15-1-2019 से जो कभी इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, आज लोग इलाहाबाद नाम लेने से डरते हैं, कि कहीं पकड़ ना जाएँ? क्योंकि योगी जी ने नाम बदलकर कहा है, कि अब यही नाम लेना है।
वैसे की इस समय ‘’प्रयागराज’’ कुम्भ की वजह से खूब नाम कमाने में लगा है, पर इस कुम्भ ने लोगों का खाना, सोना और रहना मुश्किल कर दिया है।
सरकार ने कुम्भ की तैयारी के लिये बसें और ट्रेनों की संख्या बढाई है, पर उसके घाटे और फायदे पर कोई बात विभाग को नहीं बताया गया है।
चित्रकूट जिले के परिवहन विभाग चित्रकूट मंडल के डिपो की ओर 300 बसें लगाई, पर चार दिन चलाने के बाद बंद करना पड़ा। क्योंकि परिवहन विभाग को घाटा लग रहा था? बस में दो चार सवारी ही जा रही थी, इसलिये अब बसों की दिक्कत हो रही है, पर सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला?
4 फरवरी की अगर मैं बात करूं, तो मैं ही रात 11 बजे तक कर्वी बस स्टाप में बस का इंतजार करती रही थी। मेरे जैसे पचासों लोग अपने घर और गंगा स्नान के लिये बस स्टाप से ट्राफिक चौराहा का चक्कर काट रहे थे, कि कोई भी साधन मिल जाए, पर कुछ भी नहीं।
जबकि कर्वी परिवहन विभाग में बात भी किया तो पता चला कि बस आयेगी-आयेगी, पर आई नहीं, सवारी ठंड में भटकती रहीं। आखिर सरकार किस तरह की व्यवस्था कर रही है। जहाँ लोगों को कई-कई घंटे भटकना पड़ रहा है।
विभाग जवाबदेही देने को तैयार नहीं है, बस कहते हैं कि सरकार का दबाव है, कि बसे लगाव पर घाटा कौन भरेगा? इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। चूना तो हमारे विभाग को लग रहा है। सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं सोचा।