खबर लहरिया की मार्च 2025 की रिपोर्ट में इंटरव्यू देते हुए क्रांति गौड़ ने बताया कि, “छतरपुर के घुवारा गांव में लेदर टूर्नामेंट खेला जा रहा था जब वह 15 साल की थी। दो टीमें वहां मौजूद थी लेकिन एक टीम में खिलाड़ी कम थी, तब टीम में से एक लड़की ने पूछा खेलोगी क्या? तब मैंने कहा हाँ, वह मेरा लेदर की बॉल से पहला मैच था।”
रिपोर्ट – अलीमा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास में पहली बार महिला विश्व कप 2025 का ख़िताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में छतरपुर की रहने वाली क्रांति गौड़ ने अपनी शानदार गेंदबाजी की वजह से कई विकेट लिए जिसकी वजह से भारतीय टीम को फाइनल में जीत मिली। इसी खुशी में मध्य प्रदेश सरकार ने क्रांति गौड़ को 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।
महिला (आईसीसी विमेंस) वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने 2 नवंबर 2025 को फ़ाइनल मुक़ाबले में दक्षिण अफ़्रीका को 52 रनों से हराया था। 52 साल के वर्ल्ड कप इतिहास में तीसरी बार भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल में प्रवेश किया था और आखिरकार इस बार महिला टीम ने शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी की वजह से विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की।
क्रांति गौड़ को 1 करोड़ की राशि देने का ऐलान
महिला वर्ल्ड कप 2025 में मध्य प्रदेश के छतरपुर की गेंदबाज क्रांति गौड़ भी विजेता टीम का हिस्सा रहीं। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया जिसकी वजह से अब मध्य प्रदेश की सरकार उन्हें सम्मानित करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने क्रांति गौड़ को एक करोड रुपए देने की घोषणा की है।
#WATCH | Madhya Pradesh CM Mohan Yadav says, “Last night, daughters of the nation did wonders in Cricket. I would like to congratulate everyone…MP’s daughter, Kranti Goud is a member of the team. State Government will give her Rs 1 Crore for her contribution to the team…” pic.twitter.com/FBkvTPX8J3
— ANI (@ANI) November 3, 2025
क्रांति गौड़ ने महिला विश्व कप 2025 में लिए 9 विकेट
महिला विश्व कप 2025 में क्रांति ने दाएँ हाथ की तेज़ गेंदबाज़ से 8 मैचों में 9 विकेट लिए जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 20 रन देकर 3 विकेट लेना भी शामिल है।
क्रांति गौड़ का क्रिकेट का सफर
छतरपुर जिले के घुवारा गांव की रहने वाली आदिवासी समुदाय की क्रांति गौड़ जो कि एक मध्यवर्गीय परिवार की बेटी है। इन्हें बचपन से क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था पर क्रिकेट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब यह 15 साल की थी तब इन्हें क्रिकेट खेलने का मौका मिला था।
क्रांति गौड़ का इंटरव्यू खबर लहरिया के साथ
खबर लहरिया की मार्च 2025 में इंटरव्यू देते हुए क्रांति गौड़ ने बताया कि, छतरपुर के घुवारा गांव में लेदर टूर्नामेंट खेला जा रहा था जब वह 15 साल की थी। दो टीमें वहां मौजूद थी लेकिन एक टीम में खिलाड़ी कम थी तब टीम में से एक लड़की ने पूछा खेलोगी क्या? तब मैंने कहा हाँ, वह मेरा लेदर की बॉल से पहला मैच था। छतरपुर अकादमी में प्रशिक्षण लेते हुए, वह जल्द ही मध्य प्रदेश की सीनियर महिला टीम में शामिल हो गईं और अपनी तेज़ गति और निचले क्रम की बल्लेबाज़ी से उन्हें 2024 में अपना पहला घरेलू एक दिवसीय खिताब दिलाने में मदद की। क्रांति ने फाइनल में चार विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी जीता।
आप उनका इंटरव्यू नीचे दिए गए वीडियो में देख सकते हो।
महिला प्रीमियर लीग (WPL) में शानदार प्रदर्शन
महिला प्रीमियर लीग (WPL) में यूपी वारियर्स के लिए खेलते हुए क्रांति ने काफी अच्छा खेला, जिसकी वजह से भारतीय टीम में खेलने का उनका सपना पूरा हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 8 मैचों में 6 विकेट लिए, जिसमें दिल्ली कैपिटल्स (DC) के खिलाफ चार विकेट थे। इसके अलावा सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी में भी उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए खेलते हुए 9 मैचों में 15 विकेट लिए। इसमें बंगाल के खिलाफ फाइनल में चार विकेट लिए जिससे फाइनल में उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया था।
महिला प्रीमियर लीग (WPL) से लेकर महिला विश्व कप तक का सफर
क्रांति गौड़ की तेज गेंदबाजी ने क्रिकेट बोर्ड को उसे शमिल करने पर मजबूर कर दिया। क्रांति ने शुरुआत वीमेन प्रीमियर लीग से की जिसकी वजह से वह क्रिकेट बोर्ड की नज़रों में आई और अपने प्रदर्शन से भारतीय टीम इंडिया का हिस्सा बनने का सफर शुरू किया।
खबर लहरिया से बात करते हुए क्रांति गौड़ ने कहा कि “मेरा एक ड्रीम है इंडिया की जर्सी चाहिए तो वो मैंने एक चीज सोच के रखी है और मैं एक दिन जरूर खेलूंगी।”
एकदिवसीय भारत-श्रीलंका फाइनल में क्रांति गौड़
एकदिवसीय (ODI) त्रिकोणीय श्रृंखला भारत-श्रीलंका फाइनल मैच में में भारतीय महिला टीम के साथ छतरपुर की रहने वाली क्रांति गौड़ मैदान पर दिखी। हाल ही में उन्हें पहली बार भारतीय महिला टीम के साथ खेलने का मौका मिला।
भारत और इंग्लैंड वनडे सीरीज में लिए 6 विकेट
इसके बाद क्रांति गौड़ का चयन इंग्लैंड दौरे के लिए किया गया। क्रांति गौड़ क्रिकेट में तेज गेंदबाजी के लिए जानी जाती हैं। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने तीसरे एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड को 13 रनों से हराकर जीत हासिल की। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को हराकर 2 -1 से सीरीज अपने नाम की। इस सीरीज में छत्तरपुर की नई खिलाड़ी क्रांति गौड़ जिनकी उम्र सिर्फ 25 साल है, भारत को जीत के मुकाम तक पहुंचाने में साथ दिया, उन्होंने 52 रन देकर सबसे ज्यादा 6 विकेट लिए। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपना प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार युवा क्रांति गौड़ खिलाड़ी के साथ साझा किया।
इस तरह लगातार शानदार गेंदबाजी की वजह से उन्हें विश्व कप 2025 में भी खेलने का मौका मिला। इस तरह से क्रांति भी अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम का एक एहम हिस्सा बन गई।
क्रांति गौड़ के परिवार की खुशी और संघर्ष
क्रांति गौड़ की बड़ी बहन रोशनी गौड़ ने बताया कि क्रांति को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। वह हमेशा स्कूल के खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेती थीं और हर जगह उत्कृष्ट प्रदर्शन करती थीं। रोशनी ने कहा, “हमारा सपना था कि एक दिन हमारी बहन बहुत ऊंची उड़ान भरे — आज वो दिन आ गया है। हम सभी बहुत खुश हैं।”
#WATCH | Chhatarpur, Madhya Pradesh | Cricketer Kranti Goud’s sister Roshni says, “We are very happy that India has won the World Cup for the first time. My sister Kranti was also part of the team, and she has played the World Cup for the first time. We are very happy that the… https://t.co/KoHNwxiFD0 pic.twitter.com/XZjds8mawF
— ANI (@ANI) November 2, 2025
क्रांति छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके बाद परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन गरीबी और संघर्ष के बीच भी क्रांति ने अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ा। आज उनकी मेहनत ने पूरे बुंदेलखंड का नाम गौरवान्वित कर दिया है।
गांव में खुशी का माहौल
क्रांति के पड़ोसी राजा सिंह ने बताया कि “हमारे गांव की बेटी ने आज बुंदेलखंड का नाम रोशन किया है। गांव में आज जश्न का माहौल है। इतने संघर्षों के बाद इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन क्रांति ने मेहनत और संकल्प से यह सफलता हासिल की है।”
खुद का घर खरीदने का सपना
क्रांति की बहन रोशनी गौड़ ने आगे बताया कि “हम लोग फिलहाल सरकारी क्वार्टर में रहते हैं। हमारा सपना था कि जब बहन कामयाब होगी तो हम अपना खुद का घर खरीदेंगे। अब हमें बेहद खुशी है कि हमारी बहन ने न केवल देश का नाम रोशन किया बल्कि हमारे सपने को भी सच करने का मौका दिया।”
क्रांति गौड़ का यह सफर करता है कि मेहनत, हौसला और लगन के सामने कोई भी कठिनाई बड़ी नहीं होती। आज वह मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल्द ही क्रांति गौड़ को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
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