खबर लहरिया Blog कोरोना वायरस ने भारत की अर्थव्यवस्था को भी पहुँचाया चोट

कोरोना वायरस ने भारत की अर्थव्यवस्था को भी पहुँचाया चोट

करॉना वायरस

चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस दुनिया के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। कोरोना वायरस के अब तक देश में 440 मामले सामने आये हैं जिनमे से चीन में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इन्सान से इन्सान के बीच वायरस के संचार की आशंका से चीन और पड़ोसी देश काफी सतर्क हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि ये वायरस ज्यादा समय तक अपना प्रभाव बनाये रखने में सफल हो जाए तो जान के लिए खतरा बन सकता है। 

25 जनवरी को चीन का नया वर्ष शुरू होता है और इस दौरान वहां त्योहारों का मौसम होता है जिसमें चीन के लोग दुनिया की सैर पर निकलते हैं। इसलिए इस वायरस से बचने के लिए सभी देशों को चौकन्ने रहने का आदेश दिया गया है। भारत में किसी भी तरीके से ये वायरस एंट्री ले पाए, इसके लिए विमानन मंत्रालय ने एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स पर जांच के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। क्योंकि इस वायरस का खौफ दुनियां भर में तेजी से बढ़ रहा है।

 

करॉना वायरस क्या है?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार यह वायरस सीफूड (जैसे फिश, झींगा, ऑक्टोपस, सीप) से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चाइना के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सीफूड (फिश, झींगा, ऑक्टोपस, सीप) बाजार से ही हुई मानी जा रही है। खास बात यह है कि ये वायरस ना केवल इंसानों बल्कि पशुओं को भी अपना शिकार बना रहा है।

करॉना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है। फिर यह बुखार निमोनिया का रूप ले सकता है और निमोनिया किडनी से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों को बढ़ा सकता है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक वुहान की बाजार में बिकने वाला करैत जिसे ताइवानी या चीनी करैत कहते हैं, सांपों की काफी जहरीली प्रजाति है। इस सांप की सेंट्रल और सदर्न चीन के अलावा साउथ ईस् एशिया में भारी तादाद में पाया जाता है। दिसंबर 2019 में पहली बार इस वायरस की वजह से बीमारी का पहला केस दर्ज किया गया था। अमेरिका में भी इसका एक मरीज पाया गया है। चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस सार्स से ज्यादा खतरनाक हो रहा है। कोरोना से मरने वालों की संख्या 636 पहुंच गई है, जबकि 31 हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। चीन में सार्स से 800 लोगों की मौत हुई थी और करीब तीस हजार लोग इससे संक्रमित हुए थे। चीन में 17 साल पहले सार्स बीमारी से विकास दर पर भी काफी प्रतिकूल असर पड़ा था।

 

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि एक दिन में 73 लोगों की मौत हो गई। इनमें वुहान में 69 लोगों की और जिलिन, हेनन, ग्वांगडोंग हैनान प्रांतों में एकएक व्यक्ति के मरने की खबर है। चीनी अधिकारियों ने दलील दी कि हुबेई प्रांत में मृतकों और पुष्ट मामलों की संख्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि वहां अस्पतालों तथा बिस्तरों की कमी है। अधिकारियों ने मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इलाज के लिए टेंट अस्पताल तथा मोबाइल क्लिनिक भी शुरू किए हैं।

इस खतरनाक वारयस को लेकर केरल के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। केरल सरकार की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि राज्य में सभी चार हवाईअड्डों में निगरानी बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा है कि चीन से वापस आने वाले लोगों को जिला चिकित्सा अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। जिससे इसकी जाँच हो सके।

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व्यवसाय पर भी बुरा असर 

चीन में करॉना वायरस फैलने के बाद से भारत ने 10 फरवरी तक चीन से रेशम के आयात पर रोक लगा दी है. जिससे बनारसी साड़ी उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। क्योकि इस व्यवसाय से लगभग सात लाख लोग जुड़े है. आपको बता दें कि हर महीने करीब दो सौ करोड़ के कारोबार वाले बनारसी साड़ी उद्योग में प्रतिदिन करीब दस टन रेशम की खपत होती है। इसमें तीस प्रतिशत रेशम चीन से आते हैं. अगर जल्द ही ये रोक नहीं हटी तो बुनकर सड़क पर जाएंगे। जिला वाराणसी में बनारसी साडी वस्त्र उधोग संकट में है  फैक्टरीया बदं होने से उत्पादन घटने के कारण चीन ने 10.फरवरी तक रेशम सिल्क नियात रोक लगा दी है इस से बनारस के लगभग लाखों से ज्यादा परिवारो की रोटी रोजी पर संकट खडा होगया है।  

यहा के  हशपाल कपूर का कहना है कि अगर यदि प्रतिबंध और आगे बढाया गया तो प्रतिमाह लगभग दो करोड़ रुपये के आडर प्रभावित होना तय है ।और कुछ लोगों का कहना है कि जो इस बार रेशम सिल्क पर रोक लगा है तो इस से हम लोगों पर बहुत बडा असर पडा है जो लोग रखे हैं वह लोग तो अपनी काम को कर लेगे लेकिन हम लोगो पर इसी तरह रहा तो परिवार चलाना बहुत मुश्किल होगा  और जो पहले से बुनकर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और आज तक पुरा परिवार करता है तो खाने भर के कमा नहीं हो पाता है