सहजन को कई नामों से जाना जाता है। जैसे भुनगा, मोरिंगा तो कई जगहों पर सुरजन भी। सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।
सहजन (Drumstick), जो दिखने में हरा ब लंबे डंडे की तरह होता है, असल में वह एक तरह की फली है जो शरीर को संक्रमण मुक्त रखने में मदद करती है। लोग इसका इस्तेमाल सब्ज़ी की तरह करते हैं। बता दें, सहजन की फलियों के साथ-साथ इसके पत्ते व फूल का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस समय लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं तो सेहत को स्वस्थ रखने के लिए लोग अपने भोजन में सहजन को भी अलग-अलग रूपों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
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सहजन के कई नाम
सहजन को कई नामों से जाना जाता है। जैसे भुनगा, मोरिंगा तो कई जगहों पर सुरजन भी। क्या आप यह जानते हैं कि भारत सहजन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।
सहजन बनाने के कई तरीके
सहजन को कई तरह से व कई सब्ज़ियों के साथ पकाया जाता है। कोई इसे आलू के साथ बनाता है तो कोई कीमे में डालकर बनाता है। कई लोग तो इसे दाल में भी डालकर बनाते हैं। यहां तक की आप सहजन के फूल से पकौड़े भी बना सकते हैं जो खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं।
सहजन का अचार ऐसे बनाएं
आप चाहें तो सहजन का अचार भी बना सकते हैं। अचार बनाने के लिए सरसों, मेथी, जीरा, लहसुन, कलौंजी, मिर्च, हल्दी, हींग आदि मसालों को पहले भून लें। फिर इसे पीसकर इसमें सरसों का तेल मिला दें और किसी साफ़ डब्बे में रख लें। इस तरह से आपका अचार तैयार हो जाएगा।
सहजन के फूल की सब्ज़ी ऐसे बनाएं
अगर आपको सहजन के फूल से कुछ बनाना है तो पहले सहजन के फूल को थोड़ा-सा उबाल लें। इसमें आपको ज़्यादा मसाले की भी ज़रूरत नहीं होती। अदरक, लहसुन, हल्का मिर्च, प्याज पीस कर पेस्ट बना लें और तड़का लगाकर उसे अच्छे से भून लें। मसाला भुन जाने के बाद उबले हुए फूल को मसाले में मिक्स कर दें व धीमी आंच पर पांच मिनट तक पकाएं। इसमें पानी न डालें। जब सब्ज़ी तेल छोड़ने लगे तो समझो सब्ज़ी बन गयी।
सहजन की पत्तियों के फायदे
1. सहजन वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है। इसमें क्लोरोजेनिक एसिड और एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जो बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
2. जिस व्यक्ति को मधुमेह है, उसके लिए भी सहजन लाभदायक होता है। सहजन की फलियों, छाल और पत्तों में मधुमेहरोधी (एंटी-डायबिटिक) गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रण करने में मदद कर सकते हैं।
3. सहजन की पत्तियों में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। मजबूत इम्यूनिटी शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में सहायक हो सकती है।
सहजन खाने के नुकसान
1. कम रक्तचाप वाले मरीज़ों के लिए सहजन बहुत नुकसानदेह है। उन्हें सहजन नहीं खाना चाहिए, इससे उच्च रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
2. गर्भवती होने के दौरान भी सहजन नहीं खाना चाहिए, इससे अबॉर्शन का खतरा बढ़ता है।
3. डिलीवरी के ठीक बाद सहजन खाने से बचना चाहिए। सहजन के बीज, सहजन की छाल आदि का इस्तेमाल नुकसानदायक होता है। ऐसे में कुछ भी खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।
तो यह तो सहजन खाने के कुछ फायदे व नुकसान। इस समय आपको बाज़ार में सहजन बिकती हुई मिल जाएंगी जिसे आप खरीदकर उसकी सब्ज़ी बना सकते हैं और उसके स्वाद ले सकते हैं।
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