पहिले कोरोना महामारी और अब वैक्सीन का लइके तमाम अफवाहें तुम अपने आस पड़ोस और सोशल मीडिया मा सुन चुके होइहो और कौनो कौनो गाँव मा तो हम या भी सुना है की मडई वैक्सीन का लइके इतना डेरन है की उंई वैक्सीन लगवावैं ही नहीं चाहता आय
भाई अब अगर वैक्सीन नहीं लगवावै का तो कइसे कोरोना से या जंग जीतिहो? अन्य बीमारिन जैसे पोलियो, हेपटाइटिस इत्यादि की बचपन मा वैक्सीन मतलब सुजी लगती है ताकि वा बीमारी हमका न होए और हमार शरीर मा वहिके एंटीबॉडीज बन जाये, वइसे ही या कोरोना के वैक्सीन भी है
चला और गहराई मा जानत हन आखिरकार काहे जरूरी है या वैक्सीन-
तुमका बता देंव कि एक शोध के जरिए या बात सामने आई है कि अब कोरोना संक्रमण हवा के जरिए भी बहुत तेजी से फइलता है न कि पहिले की ज इसे सिर्फ संक्रमित सतह का छूए से। तो भाई यहीका एक इलाज तो है की तुम सब मास्क पहिना वा भी एक नहीं दुई दुई मास्क पहिना। लेकिन कब तक? या भी कुछ हद तक ही तुमका संक्रमण के खतरा से बचा सकता है।
– कोरोना वैक्सीन न लगवावैं वाले गंभीर संक्रमण के शिकार होई सकत हैं, जबकि वैक्सीन ले वाले या तान के गंभीर संक्रमण से बच सकत हैं। अब तुम सोचत होंईहा हम आइसा कहे बोलत हन और तुम हमारी बातन मा कहे विश्वास कर ले-
तो यहीके खातिर हम तुमका बतावत हन- कौनो भी वैक्सीन जउन हमका दीन जात है, वा वैक्सीन के जरिये हमारे शरीर मा वा बिमारी से लड़ए खातिर पहिले से ही एंटीबॉडीज भेज दीन जात है. फिर चाहे वा पोलियो होए या हेपाटाइटिस बी के ही वैक्सीन कहे न हो.. सब वैक्सीन यह काम करती है।
कोरोना वैक्सीन के जरिये भी हमारे शरीर मा वायरस से लड़ए खातिर पहिले से ही एंटीबॉडीज डाल दिन जात है या या कहन कि हमारे शरीर का पहिले से ही वायरस से लड़ए खातिर तैयार कर दीन जात है।
जेहीसे अगर वैक्सीन लगवैं के बाद तुमकॎ कोरोना होत भी है तो वा एंटीबाडीज वायरस से लड़त है और तुम कुछ समय बाद ठीक एक दम स्वस्थ होई जात हो।
तुमका बता देव की दिल्ली के एम्स अस्पतॎल के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का भी कहब है कि वैक्सीन से वायरस के संक्रमण का बढै़ से रोका जा सकत है। उई साफ़ कहीन है कि कौनो भी वैक्सीन या वायरस मा सौ फीसदी कारगर निहाए। वहीँ अमेरिका मा भे शोध के दौरान पता चला है कि अगर मडई वैक्सीन लेई तो उनके शरीर मा पहिले से मौजूद एंटी बॉडीज का और अधिक ताकतवर बनावा जा सकत है। लेकिन अगर उई वैक्सीन नहीं लेत तो वा भी गंभीर संक्रमण का शिकार होई सकत है।
यही से तुम सब का वैक्सीन लगवावैं का ही चाहिए ताकि तुम्हार शरीर हर तान के संक्रमण से लड़ए खातिर तैयार होय।
वैक्सीन लगवावै से पहिले फेफड़न मा असर
– अगर तुम वैक्सीन नहीं लगवावत हो,तो तुम्हर फेफड़न पर कई तान के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
– जइसे निमोनिया, खून साफ़ न होब, सांस का तेज़ होई जाब और यहीके साथ ही तुम्हारे शरीर के कई हिस्सन का भी नुकसान पहुँच सकत है।
– फेफड़न मा असर पडै़ से खून साफ नहीं होत। जेहिसे शरीर मा दूषित खून बहता रहत है। जउन बीमारी का बुलावा देता है।
-यहीसे तुम्हारे शरीर मा होंए वाले घाव भी जल्दी नहीं भरत आये।
– डॉक्टर जांच मा पाइन है कि जिन्हें एक्यूट रेसिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) है। उंई व्यक्ति के फेफड़न के भीतर तरल पदार्थ लीक होई जात है। जेहिसे सांस ले मा तकलीफ होत है या सांस लेब पूरी तरह से बंद होई जात है। व्यक्ति का डायबिटीज (शुगर) के साथ-साथ उच्च रक्तचाप जैसी समस्या भी होई जात है।
– सेप्सिस / दूषित रक्त – यहीसे अंगन के बीच का जुड़ाव टूट जाता है। फेफड़न और हृदय के साथ अन्य अंग प्रणालियां भी एक के बाद एक बंद होब शुरू हो जात है।
वहीँ जब व्यक्ति का कोरोना होई जात है तो शरीर का संक्रमण से लड़ये मा काफी तकलीफ होत है।
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