आज 1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है जिसकी वजह से कई नए बदलाव आज से लागू हो जायेंगे। इन बदलावों में नए टैक्स, यूपीआई, जीएसटी दर, कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर गैस की कीमत, नए राजमार्ग टोल टैक्स शामिल हैं।
लेखन – सुचित्रा
आइये….. 1 अप्रैल से होने वाले बदलावों के बारे में जानते हैं। क्या इन बदलावों से आम जनता पर असर पड़ेगा?
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर गैस की कीमत घटी
कंपनी, होटल और रेस्तरां में इस्तेमाल किए जाने वाले गैस को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर गैस कहा जाता है। लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर में 41 रुपए कम किए हैं यानी अब यह गैस सिलेंडर 1,762 रुपए का हो गया है जोकि पहले 1,803 रुपए था। बाकी जगह इसकी कीमत इस प्रकार है –
मुंबई – 1,713 रुपए
बेंगलुरु – 1,836 रुपए
चेन्नई – 1,921 रुपए
हैदराबाद – 1,985 रुपए
कोलकाता – 1,868 रुपए
आपको बता दें घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले 14 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर गैस में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लोगों को काफी उम्मीद थी की बढ़ते घेरलू एलपीजी सिलेंडर गैस की कीमतों में भी कुछ राहत मिलेगी पर अभी तक ऐसा हुआ नहीं।
राष्ट्रीय राजमार्ग / National Highway (NH) पर लगने वाला टोल टैक्स बढ़ा
इस बार भारत भर में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के लिए टोल टैक्स की कीमत लगभग 3 प्रतिशत तक बढ़ गई।
लखनऊ – लखनऊ से गुजरने वाले हल्के वाहनों के लिए किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही भारी वाहनों के लिए 25 रुपये देने होंगे।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग / National Highway (एनएच-9 /NH-9) पर सराय काले खां से मेरठ जाने वाली कारों और जीपों के लिए एकतरफा टोल में 5 रुपए बढ़ाए गई जो बढ़कर 170 रुपए हो गए। हल्के वाणिज्यिक वाहनों और बसों (व्यावसायिक उद्देश्य इस्तेमाल) को 275 रुपए और ट्रकों को 580 रुपए का टैक्स देना होगा।
एनएच-9 के छिजारसी टोल प्लाजा पर कारों के लिए टोल बढ़कर 175 रुपए कर दिया गया। इसी तरह हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए 280 रुपए और बसों और ट्रकों के लिए 590 रुपए कर दिए गए हैं।
गाजियाबाद से मेरठ तक टोल 5 रुपए से बढ़कर 75 रुपए हो गए हैं।
दिल्ली-जयपुर हाईवे के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर कार और जीप के लिए टोल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बड़े वाहनों के लिए महीने का पास की कीमत 20 रुपए से बढ़कर 950 रुपए कर दी गई है। कमर्शियल कारों (टोयोटा इनोवा क्रिस्टा, मारुति सुजुकी वैगनआर, मारुति सुजुकी डिजायर, टाटा विंगर कार्गो जैसी कारों के लिए) और जीपों के लिए एकतरफा किराया 85 रुपये होगा, जबकि मासिक पास की कीमत 20 रुपए से बढ़कर 1255 हो गया।
अब 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल नहीं दिया जायेगा।
इनकम टैक्स / Income Tax में बदलाव
इस साल 2025 फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2025 में नई कर व्यवस्था की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत साल में 12 लाख रुपए कमाने वालों को इनकम टैक्स में छूट दी गई। इसका मतलब यह कि उन्हें किसी तरह का टैक्स देने की जरूरत नहीं। इसी तरह नौकरी-पेशा व्यक्तियों के लिए 75,000 रुपए की मानक कटौती लागू होगी।
उदाहरण के लिए मान लीजिए अगर आपकी साल भर की सैलरी 13 लाख है और आप नई टैक्स व्यवस्था को चुनते हैं तो आपकी सैलरी से 75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन काट ली जाएगी जो 12,25,000 रह जाएगी। इस पर आपको टैक्स देना होगा। ऐसे ही यदि आपकी 12,75,000 है, तो आपको टैक्स नहीं देना होगा क्योंकि 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता और 75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी आपको फायदा मिलेगा।
टीडीएस / TDS कटौती में बढ़ोतरी
1 अप्रैल, 2025 से, अगर आप एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और आरडी (रिकरिंग डिपॉजिट) में 1 लाख रुपए तक का ब्याज कमाते हैं, तो उस पर अब कोई टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) नहीं लगेगा। इसके अलावा, टीडीएस की सीमा 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब टीडीएस तब ही काटा जाएगा जब आपकी वार्षिक आय (ब्याज, लाभांश) 10,000 रुपए से ज्यादा होगी। इससे निवेशकों को अधिक पैसे अपने पास रखने का मौका मिलेगा।
यूपीआई / UPI में बदलाव
जो मोबाइल नंबर यूपीआई से जुड़ें हैं लेकिन इस्तेमाल में नहीं आ रहे हैं उनको अब हटा दिया जायेगा। अब इन नंबरों से आप किसी प्रकार का लेनदेन नहीं कर सकते हैं। यदि आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो अपने बैंक में जाकर अपडेट करने के लिए कह सकते हैं।
द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दर्द की दवाइयां, एंटीबायोटिक, संक्रमण, मधुमेह / शुगर से सम्बंधित दवा और कैंसर रोग की दवाओं की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
इस बदलाव से कहीं इनकम टैक्स में राहत मिली है तो वहीं राष्ट्रीय मार्गों के टोल बढ़ने से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बैंक खातों में भी कम पैसे रखने पर पैसे कटेंगे जो पहले भी कटते थे लेकिन कितने कटेंगे इसके बारे में बैंक खुद कीमत तय करेंगे और जानकारी देंगे।
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