जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव तरौंहा की हसीना जो मजदूर से राजमिस्त्री बनी हैं आज अपने काम से काफी प्रशंसा कमा रही हैं। हसीना का कहना है कि पहले मेरे पति दारू पीते थे घर का खरक चालान मुश्किल होता था।
फिर मैंने बेलदारी का काम शुरू किया ताकि घर का खर्च चल सके। काम सीखती गई और मुझे लगा की अब मैं घर जोड़ने यानि मिस्त्री का काम कर सकती हूँ। बीस साल बेलदारी का काम करके राजमिस्त्री बनी।
हसीना ने कम समय मे काफी नाम कमाया है। अब लोग अपना घर जोड़वाने के लिए हसीना का वेट करते हैं। वह कहते हैं हसीना का काम और स्वभाव दोनों ही काबिले तारीफ है।
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