गुलबास के फूलों का रंग सफेद, पीला, गुलाबी, मैजेंटा और लाल रंग का होता है। एक ही पौधे में अलग-अलग रंगो के फूल भी पाए जा सकते हैं – या तो एक साथ या अलग-अलग समय पर।
4 o’clock flower यानी वह फूल जो शाम को 4 बजे खिलता है इसलिए इस फूल का नाम भी उसके खिलने के समय से रखा गया है। इस फूल को हिंदी में ‘गुलबास’ (Gulabbas) या ‘संध्या के फूल’ के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे एक अन्य नाम Marvel-of-peru (मार्वेल ऑफ पेरू) से भी जाना जाता है।
यह फूल कई रंगो, कई रूपों, कई जगहों पर पाया जाता है। यह अलग-अलग देशों में उगता है और इसकी जड़ें दूर-दराज़ के देशों तक फैली हुई हैं।
इसके रूप और आकार के बारे में बात करें तो गुलबास का पौधा ज़्यादा बड़ा नहीं होता। यह छोटे से मध्यम आकार का होता है। इसकी ऊंचाई 1 से 1.5 मीटर तक होती है।
इसकी पत्तियों की बात करें तो वह संकीर्ण, लंबी, हरी और छूने में चिकनी होती है। इसकी खास बात यह बताई जाती है कि जब कोई इसे छूता है या इसे मसलता है तो यह एक सुगंधित खुशबू छोड़ते हैं।
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गुलबास फूल के हैं कई रंग
गुलबास के फूलों का रंग सफेद, पीला, गुलाबी, मैजेंटा और लाल रंग का होता है। एक ही पौधे में अलग-अलग रंगो के फूल भी पाए जा सकते हैं – या तो एक साथ या अलग-अलग समय पर। फूल दो रंग वाले, धब्बेदार या अलग-अलग रंग के भी हो सकते हैं। यह फूल वसंत और ग्रीष्म ऋतु में खिलते हैं जैसे कि इस समय खिले हुए हैं।
गुलबास फूल के हैं कई नाम
गुलबास के जितने रंग है उसी तरह अलग-अलग जगहों पर इसके अलग-अलग नाम भी है। गुलबास का वैज्ञानिक नाम ‘Mirabilis jalapa’/ मिराबिलिस जलापा है।
संस्कृत (Sanskrit) – संध्याकाली, कृष्णकली
हिंदी (Hindi) – गुलब्बास, गुलाबास
उर्दू (Urdu) – गुलेब्बास
कोंकणी (Konkani) – आकाशमुरी , मेरेम्डी
कन्नडा (Kannada) – संजामल्लिगे संजिमल्लिगे ,चट्टमल्लिगे ,चन्द्रमल्लिगे
गुजराती (Gujrati) – गुलबास
तामिल (Tamil) – अन्धिमल्लिगई
तेलुगू (Telugu) – चन्द्रमल्ली , चन्द्रकान्ता
बंगाली (Bengali) – कृष्णकेली
नेपाली (Nepali) – लंकाफूल
पंजाबी (Punjabi) – अबासी ,गुलब्बास
मलयालम (Malayalam) – अन्तिमलारी
मराठी (Marathi) – गुलअब्बास
मणिपुरी (Manipuri) – मुकाक लेई
अंग्रेज़ी (English) – ब्यूटी ऑफ दी नाइट
अरबी (Arbi) – जहरूलाजल ,शाहेल्लेइल्ली
फ़ारसी (Persian) – गुलेब्बास
गुलबास फूल के औषधीय फायदे | Gulabbas benefits
गुलबास फूल के औषधीय गुण भी है। मौजूदा जानकारी के अनुसार इससे शरीर से जुड़ी कई परेशानियों से राहत पाई जा सकती है। जैसे-
कब्ज़ से आराम
गुलबास के पत्तों का रस निकालकर मालिश करें। इससे पेट की जलन और कब्ज़ से राहत मिलेगी।
खाज और खुजली
शरीर में हो रही खाज-खुजली को खत्म करने के लिए गुलबास के पत्तों का रस निकलकर परेशानी वाली जगह पर लगाएं। यह आराम दिलाने में आपकी मदद करेगा।
सूजन से राहत
अगर शरीर पर कहीं सूजन हो रखी है तो गुलबास की जड़ों की पीसकर, उसका लेप बनाकर सूजन हुई जगह पर लगाएं। इससे सूजन ठीक हो जायेगी।
गुलबास के फूल आपको इस समय खिले हुए दिखाई दे जाएंगे। इन्हें ज़्यादा देख-रेख की ज़रूरत नहीं पड़ती। ये बस यूंही वातावरण में अपणी खूबसूरती के भिन्न-भिन्न रूपों के साथ सुगंध फैलाते रहते हैं।
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