खबर लहरिया जिला बांदा की बदलती राजनीति। राजनीति, रस, राय

बांदा की बदलती राजनीति। राजनीति, रस, राय

Lok Sabha Election 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुट गई हैं। इस बार मैं सिर्फ बांदा की बदलती रणनीति पर बात करूंगी। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बांदा में सपा संगठन को मजबूत करने के लिए 16 और 17 अगस्त को प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया तो वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी ने जिले की कमान रामसेवक के हाथ सौंप दी। यह कमान अभी तक गुलाब वर्मा के सहारे डूबती नज़र आ रही थी।

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जिले में अगर बसपा पार्टी की बात की जाए तो लगातार छवि गिरती चली जा रही है। ऐसा लगता है कि जिले के अंदर बसपा पार्टी का कोई अस्तित्व ही नहीं बचा है। सपा, बीजेपी और कांग्रेस जैसे इसके कार्यालय का भी पता नहीं है। जिलाध्यक्ष रहे गुलाब वर्मा से जब कभी बात होती रही है उनकी बाइट्स के लिए तो कहीं कचहरी,परिसर या तहसील जैसे सरकारी कार्यालय में आकर बाइट्स दिए हैं।

मई 2023 में जब निकाय चुनाव हुए तब बसपा सीट से उम्मीदवारों ने जिलाध्यक्ष रहे गुलाब वर्मा पर कई तरह के आरोप लगाए। जैसे सीट क्लियर न करना और टिकट महंगे दाम में देना। कार्यकर्ताओं को परेशान करना। उम्मीदवारों ने हमसे अपने इंटरव्यू के दौरान ये बातें बताई। वही कहावत ‘गाडर ऊपर से लहसुन खाय’ मतलब वैसे भी बसपा लगातार गर्त में जा रही है और ऊपर से कार्यकर्ताओं को नाराज़ कर रहे हैं। पैसा लेकर टिकट देने का आरोप हर पार्टी में लगता है लेकिन बसपा इस काम के लिए बहुत ज़्यादा फेमस है। अब देखिए इनका ये बदलाव बांदा की रणनीति में कितना असर डालेगा।

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अरे! बसपा के चक्कर में सपा पार्टी और अखिलेश यादव पर बात करना तो भूल ही गई। हां,तो अखिलेश यादव कहते हैं कि वह राजनीतिक रणनीति ऐसी तैयार करेंगे कि उत्तर प्रदेश की सारी 80 सीटों को जीत लेंगे जबकि वह नतीजा जानते हैं कि कितनी सीट जीत पाएंगे। जिस चित्रकूट की बात कर रहे हैं। वहां चार में से एक ही सीट निकाल पाए थे। यादव जी अभी बहुत मेहनत करने की ज़रूरत है, रणनीति बनाने की ज़रूरत है। इंडिया का महागठबंधन बनाकर कुछ किला न तोड़ लोगे। उसके अंदर भी सबकी ‘अपनी ढपली अपना राग’ से ज़्यादा कुछ नहीं है।

 

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