यूपी के कन्नौज जिले की किरण कुमारी राजपूत ने अपने 23 बीघे के खेत को एक छोटे से आइलैंड में बदल दिया। उन्हें इस काम के लिए गूगल द्वारा भी सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
यूपी के कन्नौज जिले में रहने वाली किरण कुमारी राजपूत (Kiran Kumari Rajpoot) ने अपने खेतों में होती जलभराव की समस्या को अवसर बनाते हुए खेत को एक छोटे से आइलैंड में तब्दील कर दिया। किरण ने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है। आज उनके द्वारा आपदा को अवसर में बनाने की हर कोई तारीफ़ कर रहा है। यहां तक की गूगल ने भी किरण के इस काम के लिए उन्हें सम्मानित किया है।
इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कन्नौज जिले के तिर्वा तहसील के बुथइयां गांव की किरण कुमारी राजपूत के पास उमर्दा ब्लॉक के ग्राम गुन्दहा में 23 बीघा ज़मीन है। किरण के खेत में हमेशा पानी भरा रहता जिस वजह से खेती भी सही तरह से नहीं हो पाती थी। हमेशा खेत में पानी भरे रहने की समस्या को देखते हुए उन्होंने खेत के पानी भरे हिस्से को तालाब में बदलने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में अपने बेटे से बात की। फिर बेटे की राय लेने के बाद उन खेतों के पानी भरे हिस्से को तालाब के रूप में तब्दील कर दिया।
ये भी देखें – 14 साल की उम्र में बनीं दूध विक्रेता – कोशिश से कामयाबी तक
11 लाख रुपयों तक का आया खर्च
किरण ने खेतों के पानी भरे हिस्से को तालाब में बदलने का फैसला साल 2016 में किया। खेत को तालाब में बदलने के लिए उन्होंने जल प्लावन योजना के तहत प्रशासन से 2 लाख रूपये तक की सहायता ली। साथ ही इसमें कुछ अपनी जमा पूंजी लगाई और कुछ रिश्तेदारों से भी पैसे उधार लिए। इसके बाद किरण ने मछली पालन का काम शुरू किया।
आपको बता दें कि, इस काम को शुरू करने में किरण को तकरीबन 11 लाख रुपयों तक का खर्च आया।
आइलैंड पर बने बगीचे में लगे हैं कई पेड़
जैसे-जैसे किरण को मछली पालन से मुनाफ़ा होने लगा, उन्होंने इस व्यापर को और आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने तालाब के बीच में एक बीघा का आइलैंड बना दिया। पानी के बीच बना यह आइलैंड देखने में काफ़ी खूबसूरत लगता है।
आपको बता दें कि, आईलैंड पर आम, केला, अमरूद, पपीता, करौंदा, सहजन के पेड़ और कई प्रकार के फूल लगाकर बगीचा भी बनाया गया है। पानी के बीच बना मनमोहक आइलैंड धीरे-धीरे लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। अब इस आइलैंड को देखने व घूमने के लिए रोज़ाना यहां लोगों की हल-चल देखने को मिलती है। इस आइलैंड पर लोग घूमने के साथ-साथ बोटिंग भी करते हैं।
ये भी देखें – फूलन देवी ने अकेले दम पर बच्चों का भविष्य बनाने की संभाली कमान। कोशिश से कामयाबी तक
सालाना 5-7 लाख की होती है बचत
जानकारी के अनुसार, किरण के बेटे शैलेन्द्र अब इस आईलैंड की देखभाल करते हैं। उनका कहना है कि, उनके तालाब में चाइना फिश, कत्तल, सीलन, नैन, ग्रास कटर और सिल्वर मछलियां हैं। हर साल मछलियों तथा फलों को बेचकर उन्हें 20 से 25 लाख रूपये मिल जाते हैं। वहीं तकरीबन 5 से 7 लाख रूपये तक की बचत हो जाती है।
ये भी देखें – चित्रकूट : बेलदार से बनीं राजमिस्त्री, कोशिश से कामयाबी तक
गूगल ने किया किरण को सम्मानित
इंडिया टाइम्स की प्रकाशित रिपोर्ट में किरण के बेटे शैलेन्द्र ने बताया कि, गूगल के द्वारा एक पत्र के ज़रिये उनके काम की प्रशंसा के साथ तालाब के बीच में बने आईलैंड में फलों के बाग के सुंदर नज़ारे की तारीफ़ की गयी थी। इतना ही नहीं गूगल के कर्मचारियों ने वेबसाइट में फोटो भी अपलोड की थी। बता दें कि, गूगल ने किरण कुमारी राजपूत को एक सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया था।
आपदा में अवसर तलाश लेना, हर किसी के बस की बात नहीं होती लेकिन किरण ने जिस तरह से अवसर को बनाया और फिर उसमें कामयाब भी पाई, उनकी यह कहानी कई लोगों को आपदा के समय आगे बढ़ते रहने की हिम्मत देने का काम करती है।
ये भी देखें – पाठा की शेरनी: रामलली। कोशिश से कामयाबी तक | Part 1
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’