कॉमनवेल्थ प्रेस यूनियन (सीपीयू) मीडिया ट्रस्ट्स एस्टोर अवॉर्ड – यह दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुराने प्रेस मीडिया स्वतंत्रता पुरस्कारों में से एक है। इस अवार्ड को पहली बार 1970 में प्रस्तुत किया गया था – इस साल खबर लहरिया को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार मीडिया की स्वतंत्रता और खोजी पत्रकारिता में हमारे योगदान और विविधता और समानता के प्रति प्रतिबद्धता का सम्मान करता है।
राइट ऑनरेबल सर जॉन व्हिटिंगडेल, सांसद व मीडिया राज्य मंत्री हाउस ऑफ लॉर्ड्स में एक स्वागत समारोह में बोलते हुए, जहां अवार्ड प्रस्तुत किया गया था, ब्रेंटवुड के सीपीयू अध्यक्ष लॉर्ड ब्लैक ने कहा: “हमारे ट्रस्टियों ने इस वर्ष सर्वसम्मति से इसे प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है।” मीडिया की स्वतंत्रता में उनके असाधारण योगदान, स्वतंत्र गुणवत्ता वाली पत्रकारिता को बढ़ावा देने, विविधता की वकालत करने और अक्सर कठिन और जटिल परिस्थितियों में ज़मीनी स्तर की खोजी रिपोर्टिंग के लिए खबर लहरिया को प्रतिष्ठित एस्टोर पुरस्कार दिया गया। वे योग्य विजेता हैं और हम उन्हें बधाई देते हैं।”
अवार्ड प्राप्त करते हुए, खबर लहरिया की प्रबंध संपादक मीरा देवी और खबर लहरिया की पैरेंट कंपनी चंबल मीडिया की सह-सीईओ पूजा पांडे ने कहा:
“हम 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी स्थापना के बाद से ही उन आवाजों को सामने लाने के लिए बेहतर लड़ाई लड़ रहे हैं जिनकी आवाज़ों का प्रतिधिनित्व कम है क्योंकि हम दुनिया को बदलने वाले शब्द की शक्ति में मज़बूती से विश्वास करते हैं। जबकि यात्रा अपने आप में ही सबसे बड़ा पुरस्कार है, एस्टोर अवार्ड जैसी मान्यता रखने वाले महत्वपूर्ण अवार्ड हमें बेहतर लड़ाई व काम को ज़ारी रखने के लिए प्रेरित करती है। हम इस सम्मान के लिए सीपीयू मीडिया ट्रस्ट के बहुत आभारी हैं।…
हम इस मान्यता से बेहद गौरवांवित महसूस करते हैं और इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए कॉमनवेल्थ प्रेस यूनियन (सीपीयू) मीडिया ट्रस्ट के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति यहां देखें।
एस्टर अवार्ड के बारे में
कॉमनवेल्थ प्रेस यूनियन के पूर्व अध्यक्ष, लॉर्ड एस्टर ऑफ हेवर की स्मृति में स्थापित एस्टर पुरस्कार, सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कारों में से एक है। पिछले विजेता ऐसे व्यक्तियों के एक उल्लेखनीय वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्होंने कॉमनवेल्थ समाचार पत्र उद्योग में, विशेष रूप से प्रेस की स्वतंत्रता के क्षेत्र में, बहुत बड़ा योगदान दिया है। हाल के सालों में एस्टोर पुरस्कार को माल्टा में मारे गए डाफ्ने कारुआना गैलिज़िया, पाकिस्तान प्रेस फाउंडेशन और युगांडा में मानवाधिकार नेटवर्क को उनके मरने के बाद प्रदान किया गया। भारत के पिछले विजेताओं में सीआर ईरानी, अरुण शौरी और कुलदीप नायर शामिल हैं। पिछले विजेताओं की पूरी सूची यहां देखी जा सकती है।
खबर लहरिया के बारे में
खबर लहरिया भारत का एकमात्र महिला संचालित स्वतंत्र ग्रामीण समाचार नेटवर्क है, जो देश के दूर-दराज़ के इलाकों से जहां समाचारों की बहुत कम पहुंच है, कठिन और शक्तिशाली खोजी पत्रकारिता, मानव हित की कहानियां और जीवंत सांस्कृतिक और मनोरंजन सामग्री लाता है। 2002 में एक प्रिंट अखबार के रूप में शुरुआत करते हुए, ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण दर्शकों के लिए हाइपरलोकल सामग्री (भौगौलिक क्षेत्र से संबंधित) और अक्सर नारीवादी दृष्टिकोण से लिखी गई कहानियों के साथ, आज उत्तर भारत के छह राज्यों में 25 महिला पत्रकारों का नेटवर्क है और मासिक दर्शक संख्या 20 मिलियन से अधिक है।
हमें यूट्यूब | इंस्टाग्राम | X | लिंक्डइन पर फॉलो करें।
अंग्रेजी में यह प्रेस विज्ञप्ति यहां पढ़ें।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’