खबर लहरिया Blog “लड़ते रहो, हमारी कहानियां सुनाते रहो – जब तक फिलिस्तीन आज़ाद नहीं हो जाता” –  इजरायली सेना ने पत्रकार हुसाम शबत और मोहम्मद मंसूर की करी हत्या 

“लड़ते रहो, हमारी कहानियां सुनाते रहो – जब तक फिलिस्तीन आज़ाद नहीं हो जाता” –  इजरायली सेना ने पत्रकार हुसाम शबत और मोहम्मद मंसूर की करी हत्या 

“मैं आपसे यही कहता हूं : गाजा के बारे में बोलना बंद मत करें। दुनिया की नज़रों को मूंदने मत दो। लड़ते रहो, हमारी कहानियां सुनाते रहो – जब तक फिलिस्तीन आज़ाद नहीं हो जाता।”

"“Keep Fighting, Keep Telling Our Stories - Until Palestine is Free” - Israeli Army Kills Journalists Hossam Shabat and Mohammad Mansour"

बाएं में पत्रकार मोहम्मद मंसूर व दाएं में पत्रकार हुसाम शबत की तस्वीर 

इजरायल ने सोमवार, 24 मार्च को गाजा में अलग-अलग हमलों में दो फिलिस्तीनी पत्रकारों की हत्या कर दी। मक़तूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दो पत्रकार जिनकी हत्या की गई उनमें पैलेस्टाइन टुडे के संवाददाता मोहम्मद मंसूर और अल जज़ीरा मुबाशिर के संवाददाता हुसाम शबत शामिल हैं। पत्रकार मंसूर की हत्या खान यूनिस के उत्तर के एक हवाई हमले की गई तो वहीं हुसाम शबत को गाजा के उत्तर में सालाह अल-दीन स्ट्रीट में उनकी कार पर हमला कर मारा गया।

तरीक़ अबु अज़्ज़ूम, जो अल जज़ीरा के पत्रकार हैं, उन्होंने कहा, “23 वर्षीय फिलिस्तीनी पत्रकार हुसाम, पहले भी इजरायली हमले में घायल हो चुके थे, लेकिन उन्होंने गाजा में रिपोर्टिंग जारी रखने पर ज़ोर दिया।”

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पत्रकार हुसाम शबत की आखिरी रिपोर्ट 

पत्रकार हुसाम शबत के साथियों ने उनके कुछ आखिरी शब्द लोगों एक साथ शेयर किए। एक पोस्ट में जो शबत द्वारा पहले ही X पर लिखी गई थी, उसमें लिखा था, “अगर आप यह पढ़ रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि मुझे मार दिया गया है – सबसे अधिक संभावना है कि इजरायली कब्ज़े वाली सेनाओं द्वारा मुझे निशाना बनाकर।”

शबत ने आगे लिखा, पिछले 18 महीने के युद्ध में उन्होंने अपना हर पल अपने लोगों के लिए समर्पित किया है। “मैनें उत्तर गाजा में हर मिनट हो रही  भयावह घटनाओं को रिपोर्ट किया है, इस दृढ़ निश्चय के साथ कि दुनिया को सच दिखाया जाए जिसे वे दफ़नाना चाहते हैं। मैं फुटपाथों पर, स्कूलों में, टेंट में – जहां भी हो सकता था, वहां सोया। हर दिन ज़िंदा रहने की एक जंग थी। मैनें महीनों तक भूख को झेला, लेकिन मैनें कभी अपने लोगों का साथ नहीं छोड़ा।”

“मैं आपसे यही कहता हूं : गाजा के बारे में बोलना बंद मत करें। दुनिया की नज़रों को मूंदने मत दो। लड़ते रहो, हमारी कहानियां सुनाते रहो – जब तक फिलिस्तीन आज़ाद नहीं हो जाता।”

गाजा के गवर्नमेंट मीडिया ऑफिस के अनुसार, गाजा में अक्टूबर 2023 से अब तक इजरायली हमलों में 208 पत्रकारों की हत्या की गई है। 

 

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