पानी तक पहुँच आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बस एक सपने की तरह है। एक ऐसा सपना जिसकी प्यास कभी खत्म नहीं होती और इसी तरह पानी लोगों की चाह बन जाती है। इस चाहत में लोग मीलों का सफ़र तय करते हैं। इस सफ़र में किसी की तलब खत्म होती है तो किसी की और बढ़ जाती है। पानी दूर है बेहद दूर।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी मिल पाना दुर्लभ हो गया है। घर के बर्तन खाली है और गला सूखा।
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