दोस्तों मैं अपनी विदेश यात्रा के बारे में बात करूगीं। मैं उत्सुक हूं बताने के लिए क्योकिं कई लोग मुझसे अलग-अलग पूछ रहे हैं इसलिए मैं एक साथ अपना अनुभव आपके साथ शेयर कर रही हूं। हमारे शो के ज़रिये आप भी चलिए मेरी विदेशी यात्रा के सफ़र में।
ये मेरी विदेश की तीसरी यात्रा थी। पहली बार मैं जर्मनी गयी, दूसरी बार थायलैंड और तीसरी बार स्पेन देश। हर देश का अपना एक अलग अनुभव रहा।
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इस बार स्पेन की यात्रा बहुत अलग और खास थी। मैं बांदा से 3 अप्रैल को निकली और 4 अप्रैल को दिल्ली पहुंची। 5 अप्रैल को ढाई बजे रात में एयरपोर्ट के लिए निकली। मेरी साथी प्रिया भी मेरे साथ स्पेन की यात्रा में थी। तीन से पांच बजे तक एयरपोर्ट में बहुत जांच हुई फिर हम प्लेन में बैठे और उड़ चले स्पेन।
दिल्ली के बाद पहला स्टॉप स्ताबुल देश पड़ा। वहां हम उतरे और वहां से दूसरी फ्लाइट पकड़ी। हमने मैड्रिड देश से तीसरी फ्लाइट ली और फिर आखिर कार स्पेन पहुंचे। देश के विलबाओ राज्य। हमें लेने के लिए एक शानदार कार भेजी गयी थी जिसमें बैठ कर हम पहुंचे अपने शानदार होटल। उस समय विलबाओ में 9 बज रहे थे और इंडिया में रात के 12 .
फिर अगले दिन 7 तारीख को हमारा इंवेट था जहाँ हमें गेस्ट के रूप में अंतर्राष्टीय कांग्रेस यूनिवर्सिटी की ओपनिंग में बुलाया गया था। एक दिन इस प्रोग्राम में दिए और बाद में चार दिन खूब घूमें। एक दिन विलबाओ शहर को देखा। वहां के पार्क, बड़ी-बड़ी नहरे, ऐतिहासिक म्यूज़ियम और फिर ओल्ड विलबाओ गये। वहां की लोकल ट्रम्प जो तीन से चार डिब्बे की होती है उसमें खूब घूमें। हमारे यहां जो मैट्रो चलती है एकदम उसी तरह की बस फर्क इतना था की इंडिया की मैट्रो में थोड़े ज़्यादा डिब्बों की होती है।
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ओल्ड बिलबाओ में हम एक चर्च में गए और दुआ मांगी। दिल को बहुत शांती मिली। फिर हमने थोड़ा बहुत शॉपिंग किया। हम दूसरे शहर की ओर रवाना हुए जिसका नाम था ‘सेम्सबेस्टन।’ वो तो और भी ज़्यादा खूबसूरत जगह थी। अगल-बगल पहाड़ और बीच में समुद्र। मैंने समुद्र में घुस कर पानी को छुआ। लहरों से खेला, वीडियो-रील बनाई और ढेर सारी फोटो भी खींची। फिर हम एक म्यूज़ियम गये। वहां पर भी जहां खेती-किसानी से लेकर वहां के राजाओं के बारे में और व्यापार के बारे में पूरा इतिहास कैद है। उसे देखकर बहुत आनंद आया। फिर वहां से मछली घर गये। वहां जाकर जो आनंद आया दोस्तों की दिल खुश हो गया। अलग-अलग प्रकार की मछलियां देखी और समुद्र के अंदर की घास। फिर हमने खाना खाया और फिर वापस आये विलबाओ।
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सबसे खास सीख जो मुझे मिली, यहां पर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत ध्यान रखते हैं। दिन भर कई-कई कोस पैदल चलते हैं। वहां पर ऑटो-रिक्शा एकदम नहीं है। मोटर साईकिल भी नाम मात्र की होगी और कुछ ही चार पहिया साधन। सब लोग आज़ादी के साथ घूमते हैं। गले मिलते हैं। एक-दूसरे से खुले में प्यार करते हैं। कोई किसी को घूर कर देखता तक नहीं है।
दोस्तों शब्दों में लिखेंगे तो कई-कई पेज भर जायेंगे और भी बहुत कुछ है बताने को लेकिन आप हमारी इस वीडियो से पूरा सफर तय कर सकते हैं तो देखिये और अपना प्यार इस वीडियो को दीजिये।
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