जौनपुर जिले के रुपचंद्रपुर गांव के लोग गर्मी के मौसम में सब्जी और मक्के की खेती करते हैं। यहां के किसानों से हमने पूछा कि वह अन्ना जानवरों से कैसे अपनी फसलों की सुरक्षा करते हैं। 45 वर्षीय विद्यावती का कहना है कि बटाई पर खेती करते हैं व अन्ना पशु से हमारी फसलों का बहुत नुकशान होता हैं। रात में हम अपने बच्चे के साथ फसल की रखवाली करते हैं फिर भी हमारी फसले नहीं बच पाती हैं। गांव के राजकुमार जिनकी उम्र 20 साल है, उनका कहना है कि वह गरीब किसान है और अन्ना जानवरों से खुद की फसल बचाने के लिए उनके पास कोई साधन नहीं है।
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यहाँ के प्रधान का कहना है कि हमारे यहाँ पर 242 हेक्टेयर मे खेती हो रही है जिसमें 90% लोग खेती पर निर्भर हैं। सभी अन्ना जानवरों से परेशान हैं। उन्होंने भी कई बार कोशिश कि की जानवरों को पकड़कर गौशाला में डाल दिया जाए लेकिन वह फिर बाहर आ जाते हैं। उन्होंने तहसील में भी अपील की है कि गौशालाओं को गांव के नज़दीक किया जाए।
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