खबर लहरिया Blog जगदीप धनखड़ ने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में ली शपथ, जानें उपराष्ट्रपति से जुड़े कार्य

जगदीप धनखड़ ने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में ली शपथ, जानें उपराष्ट्रपति से जुड़े कार्य

जगदीप धनखड़ ने आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव में 528 वोट मिले थे। वहीं उनकी प्रतिद्वंदी विपक्षी उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले थे।

साभार – PTI

भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ ने आज राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। भारत की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

 

बता दें कि जगदीप धनखड़ को 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। वह विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराकर विजयी हुए थे। जगदीप धनखड़ से पहले भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू थे जिनका कार्यकाल बुधवार, 10 अगस्त को खत्म हुआ।

 

72 फीसदी वोटों से जीते थे चुनाव

जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव में 528 वोट मिले थे। वहीं उनकी प्रतिद्वंदी विपक्षी उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले थे। उपराष्ट्रपति चुनाव में वह 72 फीसदी वोटों के साथ जीते थें।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राजनीति की शुरुआत

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अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, जगदीप धनखड़ ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल से की थी।

– वह साल 1989 में झुंझनू से सांसद बने। पहली बार सांसद चुने जाने पर उन्हें इनाम भी मिला।
– यह भी बता दें कि साल 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था।
– 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता दल ने उनका टिकट काट दिया।
– इसके बाद वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
– उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर अजमेर के किशनगढ़ से1993 में चुनाव लड़ा और विधायक बने।
– साल 2003 में फिर उन्होंने कांग्रेस को छोड़ भाजपा पार्टी का हाथ थाम लिया।
– साल 2019 में जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया।

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जगदीप धनखड़ की शिक्षा

जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझनू जिले के किठाना में 18 मई 1951 को हुआ था। उनके पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी है। वह चार-भाई बहन है जिसमें वह दूसरे नंबर के हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव किठाना के सरकारी माध्यमिक विद्यालय से हुई।

गांव से उन्होंने 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की और उसके बाद उनका दाखिला गरधाना के सरकारी मिडिल स्कूल में हो गया। फिर उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल से भी अपनी पढ़ाई की।

12वीं के बाद उन्होंने भौतिकी (physics) में ग्रेजुएशन किया। राजस्थान विश्वविद्यालय से उन्होंने कानून (LLB) की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद उनका चयन आईआईटी और फिर एनडीए के लिए भी हुआ था, लेकिन वह नहीं गए। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने देश की सबसे बड़ी सिविल सर्विसेज परीक्षा भी पास की।
इसके बावजूद आईएएस बनने की वजाय उन्होंने वकालत का क्षेत्र चुना। उनके वकालत की शुरुआत राजस्थान हाईकोर्ट से हुई। इसके साथ ही वह
राजस्थान बार काउसिंल के चेयरमैन भी रहे।

क्या होता है उपराष्ट्रपति का कार्य?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की प्रमुख भूमिकाओं में से एक कार्य राज्य सभा की अध्यक्षता करना होगा। इसके अलावा राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाने, इस्तीफ़ा या पद से हटाने के मामलों में उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है।

उपराष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल 5 साल का होता है। इसके साथ ही वह अपना कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद भी अपने पद पर बने रह सकते हैं जब तक दूसरा व्यक्ति पद ग्रहण नहीं करता। इस दौरान उपराष्ट्रपति के पास सभी शक्तियां, प्रतिरक्षा और विशेषाधिकार होते हैं। इसके अलावा उन्हें राष्ट्रपति के ज़रिये मेहनताना मिलता है।

उपराष्ट्रपति को किस तरह हटाया जाता है?

उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति को अपना इस्तीफ़ा सौंपकर अपने पद से मुक्त हो सकते हैं। इस्तीफ़ा स्वीकार होने के दिन से ही प्रभावी हो जाता है। उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के एक प्रस्ताव द्वारा पद से हटाया भी जा सकता है। वह तब जब उस समय मौजूद सदस्य बहुतमत से उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज़ी हो और लोकसभा द्वारा सहमति हो। इस प्रयोजन के लिए कम से कम 14 दिनों का नोटिस दिए जाने के बाद ही ऐसा कोई प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।

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