क्या किसानों के लिए लॉकडाउन सबसे कठिन समय? :पुरे देश भर में लॉक डाउन की स्थिति चल रही है इसमें लोगो को काफी सारी दिक्कते भी आ रही है| जिसमें ज्यादतर देखा गया कि गरीब मजदूरों को समस्याएं आई है| लेकिन इसके साथ ही किसानों को और भी बड़ी चिंता सता रही है| किसानों को कभी खेती में कटाई कि समस्या आती है तो कभी बारिश होती है तो उसकी चिंता सताती है| इसी तरह का कुछ हाल देखा गया टीकमगढ़ जिले के गाँव हीरानगर में जहां एक किसान अपने खेत कटाई को लेकर बहुत चिंतित है|
किसान रामनाथ कुशावहा का कहना है की हम तो दूसरों की जमीन बटिया से खेती कर रहे हैं दो साल हो गये हैं हमारे पास थोड़ी चार पाँच पेला की खेती है तो उससे हम अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण नहीं कर पाते हैं| इस लिए हम दूसरों की जमीन बोये है दो एकड़ उस खेती में वह पहले आलू लगाये थे| उसके बाद फिर जवा बो दिया था| लेकिन इस लाँकडाउन के चलते उन लोगों की कटाई पर प्रभाव पड़ा है जैसे ना तो मजदूर मिल रहे है कि उनसे कटा ले अब हम दो लोग करते हैं कटाई सुबह 6 से लेकर 11 बजे तक काटते फिर 4 बजे से लेकर शाम 6 तक लेकिन इसमें भी हम लोगों को एक डर बना रहता है कि पुलिस कुछ बोलने ना लगे| इसी कारण से हमारा जो जवा है तो वह नीचे गिरने कर झरने लगा है| अब जो कुछ बचा है, तो खेत खाली करना है| इसके पहले जो उर्द, मुंग तिली की फसले थी वह बारिश से पूरी सड़ गयी थी अब फिर इस लाँकडाउन की बजह से फसल नहीं ले पा रहे बहुत ही दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है|
हम लोगों की कटाई पर प्रभाव पड़ा है जैसी न तो मजदूर मिल रहे है कि उनसे कटा ले अब क्या करे हम दोनों लोग कटाई करते हैं सुबह 6 बजे लेकर 11 बजे तक फिर 4 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक पूरा दिन काम नहीं कर पाते हैं और यह भी डर बना रहता है कि पुलिस भी कुछ कहने न लगे क्यों कि इस कोरोना महामारी बीमारी को लेकर के लाँकडाउन चल रहा है इसी कारण से हमारा जो जवा है वह नीचे गिर गया है|