कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन हुआ और सब कुछ ठहर सा गया. खास कर जो खुद का कोई व्यवसाय करते थे। फिर धीरे धीरे लॉकडाउन खुला और जिंदगी सामान्य होने लगी लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जिनका व्यवसाय बंद होने की कगार पर आ गया. ऐसी ही एक महिला कमलेश से हम मिले।कमलेश चित्रकूट की रहने वाली है और पिछले कई सालों से टिफिन बनाने का काम करती है|
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लेकिन कोरोना महामारी के बाद उनकी क्या स्थिति है जानते है उनसे ही खाने का टिफिन घर घर पहूचाने वाली कमलेश ने बताया मैने वर्षों वानांगना संस्था मे अपनी रसोई मे काम किया। नौकरी छूट गई तब मैने सोचा की मुझे खाने के काम अनुभव है क्यो न मै खुद का बिजनेस शूरू करू. डेढ साल हुए मैने खाने का काम शूरू किया। टिफिन पहूचाने के लिए लोगों तक एक आदमी रखा खाना बनाने के सहयोग के लिए महिला रखी. ठीकठाक चल रहा था 30,से,35 टिफिन जाने लगे थे लग रहा था आगे और बढेंगे लेकिन ये करोना महामारी ने सब खत्म कर दिया। अब 5से 6 टिफिन ही जाते हैं लगता है।
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