हमारे देश मे आज भी पित्र सत्ता का राज है, सरकार बेटियों के लिए चाहे इतना कुछ करें, पर लड़किया हमेशा से पितृसत्ता के आँखों पर खटकती है। बेटी होने की सजा एक बार फिर मां और बेटी को मिली, न्याय पाने के लिए दर दर खा रही ठोकरे, जिम्मेदार लोग भी इससे मुँह मोड़ रहे है। तो इस पूरी स्टोरी देखने के लिए बने रहिये मेरे साथ जासूस या जर्नालिस्ट पर।
मामला छतरपुर जिले का है। जहां पर एक महिला को 3 बेटियां होने पर ससुराल वालों ने बेटियों के साथ मां को घर से निकाल दिया है। महिला एक साल से न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रही है। न्याय पाने के लिए नौगाँव थाना में दरखास दी पर कोई सुनवाई नही हुई, 5 अक्टूबर को जनसुनवाई में एसडीएम को दरखास देने गई पर यहां के एसडीएम ने महिला को ही भला बुरा कहकर भगा दिया।
महिला ने बताया कि वह नरसिंहम पुरवा की रहने वाली है, उसकी शादी लेयरन पुरवा में हीरालाल उर्फ भज्जू के साथ हुई थी। महिला के 3 लड़कियां होने पर ससुराल वालों ने मारकर घर से भगा दिया था। पहले वह कोर्ट में केस लड़ती रही, ससुराल वालो से झूठा अस्वाशन देकर राजीनामा करा दिया था। अब फिर से वैसे करने लगे है। अब हम कहाँ जाएं, न मायके वाले साथ दे रहे हैं और न ससुराल वाले, 3 लड़कियों को लेकर कहाँ जाएं।
आपकी जानकारी के अनुसार हम बता दे कि साइंस में यह बात खुलकर कही गई है कि लड़की का पैदा होना महिला की कोई गलती नही है। उसमें ज्यादतर जिम्मेदार पुरुष ही होता है। फिर महिला को क्योंकि समाज दोषी मानती है। आपको पता है कि आजकल लड़कियां अब बोझ नहीं रही, वह हर एक क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर आगे आ रही है।
हमने जब दुबारा से रिपोर्टिंग की तो पता चला की मनोज के लड़का न होने की वजह से ससुराल वाले परेशान करते थे। जिससे दूसरी शादी की जा सके, पर पीड़ित महिला मनोज ने हार नही मानी, हर हिंसा को उसने झेला, उसके बाद 3 बेटी लड़कियां नहीं हैं लड़कों से कम | अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस | International Day of the Girl Childहो गई तो ससुराल वालों ने घर से ही निकाल दिया, यह कहकर की लड़के नही होते है। और उनके वंश को चलाने के लिए लड़के की जरूरत है।
सवाल ये उठ रहा है कि आखिर यह पितृसत्ता की सोच कब जाएगी,
कब लड़का लड़की का समानता का अधिकार या जीने की आज़ादी मिलेगी।
जब इतने सारे नियम कानून बने है तो उनका प्रयोग सही ढंग से प्रशासन क्यों नहीं करती है।
आख़िर लड़की होना कोई गुनाह है क्या।
क्या मनोज की 3 लड़कियां हुई है तो सारी गलती उस महिला की है उसके पति हीरालाल की कोई नही।