बाघों की घटती संख्या और इसके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 2010 से हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। बाघ संरक्षण के काम को प्रोत्साहित करने, उनकी घटती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा हुई थी। इस सम्मेलन में मौजूद कई देशों की सरकारों ने 2020 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था। आंकड़ों के मुताबिक देश में 2010 में बाघों की संख्या 1706 थी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 जारी किया, जिसमे बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई हैं.
जंगल की बात आती है तो टाइगर भी याद आता है वैसे तो हमारे देश मे बहुत से खूबसूरत जानवर हैं पशू पक्षी हैं लेकिन हमारा राष्ट्रीय पशू टाइगर को घोशित किया गया कहा जाता है टाइगर सबसे खूबसूरत और सबसे ताकतवर बहुत ही फुर्तीला जानवर माना जाता है इसलिए 19 सौ 73 मे बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशू घोशित किया गया था और चित्रकूट की बात करे तो चंबल का दूसरा रूप है घना जंगल जंगली जानवरों के साथ साथ डाकूओं के नाम से भी फेमस इलाका है चित्रकूट ऐसा कहा जाता है की यहाँ के जंगल मे भी बहुत से बडे जंगली जानवर पाए जाते हैं जैसे रीछ भालू भेडिया नील गाय हिरन और जंगल का राजा टाइगर अगर जंगल मे टाइगर न हो तो जंगल कैसा
वन विभाग के डी ए फो ने बताया की जंगल मे कैमरे लगाए गए थे जिससे 6 टाइगर देखे गए हैं
और वो उनकी सुरक्षा के लिए सरकार से उनके खाने पीने की व्वस्था की मांग करेंगे