खबर लहरिया Blog International, Sudan landslide news: सूडान में भूस्खलन, एक हजार से ज़्यादा लोगों की मौत 

International, Sudan landslide news: सूडान में भूस्खलन, एक हजार से ज़्यादा लोगों की मौत 

उत्तर अफ़्रीका के देश सूडान में भूस्खलन हुआ है जिसमें एक हजार लोगों के मौत की खबर ने तहलका मचा रखा है। भूस्खलन के चपेट में आने के बाद पूरा गांव तबाह हो गया है। 

People in distress after the landslide

भूस्खलन के बाद परेशान लोग (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

अफ्रीकी देश सूडान में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सूडान के पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में भीषण भूस्खलन यानी लैंडस्लाइड की घटना हुई  है। इस आपदा के कारण एक गांव पूरी तरह तबाह हो गया है। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम एक हजार लोगों की मौत हो गई है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इस पूरी आपदा में केवल 1 शख्स जिंदा बचा है। सूडान में विद्रोही समूह ने इस बात की जानकारी दी है। सूडान इस वक्त दोहरी मार झेल रहा है। 

हजार मौत बचा केवल एक इंसान 

सूडान के दारफुर इलाके के मर्रा पर्वतों में बसे तरासिन गांव पर अचानक आई भूस्खलन (लैंडस्लाइड) ने भारी तबाही मचा दी। यह हाल के समय की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा मानी जा रही है। इस हादसे में पूरा गांव ही माटी के ढेर में दब गया और सभी लोगों की मौत हो गई। दिल दहला देने वाली बात यह है कि इस पूरी त्रासदी में सिर्फ एक शख्स जिंदा बच पाया। घटना की जानकारी उस क्षेत्र पर नियंत्रण रखने वाले विद्रोही संगठन सूडान लिबरेशन मूवमेंट–आर्मी द्वारा दिया गया।

मलबे से शव निकलने के लिए संयुक्त राष्ट्र से मदद की गुहार 

राहत और बचाव कार्य चलाने में मदद और मलबे के नीचे दबे शवों को बरामद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों से गुहार लगाई गई है। स्थानीय मीडिया द्वारा एक वीडियो साझा किया गया है जिसमें दिखाया गया है कि पहाड़ों के बीच पूरा इलाका समतल हो गया है और मृतक लोगों को वहां मलबे में तलाश किया जा रहा है।

एक ओर युद्ध दूसरी ओर भूस्खलन से मौत 

एक तरफ भयानक गृहयुद्ध ने देश को पहले ही संकट में डाल रखा है। दूसरी तरफ अब यह आपदा लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही है थी। सूडान में 2 साल से जंग जारी है। इस देश की आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी की मार झेल रही है। लाखों लोग अपने घर-बार छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं। नॉर्थ दारफुर की राजधानी अल-फाशिर पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

दरअसल अप्रैल 2023 में राजधानी खार्तूम और देश के कई हिस्सों में खुली लड़ाई शुरू हो गई। यह संघर्ष अचानक नहीं हुआ बल्कि लंबे समय से सूडान की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच चल रहे तनाव का नतीजा है। सूडान के मर्राह पर्वत क्षेत्र में सक्रिय सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी (SLM-A) वहां के कई विद्रोही संगठनों में से एक है। खास बात यह है कि यह संगठन मौजूदा गृहयुद्ध में किसी भी पक्ष के साथ नहीं खड़ा है। मर्राह पहाड़ियां करीब 160 किलोमीटर लंबी ज्वालामुखीय पर्वत शृंखला हैं जो अल-फशर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से तक फैली हुई हैं। राजधानी खार्तूम से यह इलाका लगभग 900 किलोमीटर दूर है।

यहां संघर्ष के कारण बेघर हुए हजारों परिवारों ने शरण ले रखी है, जिससे यह क्षेत्र न सिर्फ सामरिक रूप से, बल्कि मानवीय दृष्टि से भी बेहद अहम बन गया है।

अब तक संघर्ष में चालीस हजार से ज़्यादा लोगों की मौत 

सूडान में चल रहे संघर्ष ने इंसानियत की तस्वीर को बेहद डरावना बना दिया है। अब तक यहां 40,000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि करीब 1.4 करोड़ लोग बेघर होकर अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर हुए हैं। हालत इतनी खराब है कि कई इलाकों में अकाल जैसी स्थिति बन गई है और लोग जिंदा रहने के लिए घास तक खाने को मजबूर हैं।

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट बताती है कि इस संघर्ष में जातीय हिंसा, नरसंहार और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध हुए हैं। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने भी इस मामले में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच शुरू कर दी है।

सूडान का गृहयुद्ध आम लोगों की ज़िंदगी को तबाह कर चुका है। देश की आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी की मार झेल रही है और लाखों लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हो चुके हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि दरफुर की राजधानी अल-फाशिर भी लगातार हमलों की चपेट में है।

इसी बीच, सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) ने कहा है कि हाल ही में हुआ भूस्खलन देश की पहले से बिगड़ी मानवीय स्थिति को और भी भयावह बना रहा है। संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे तुरंत हस्तक्षेप कर मदद करें।

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