ट्रम्प ने रुस के तेल का हवाला देकर भारत पर और अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का टैरिफ (टैक्स) काफी चर्चे में है। दरअसल 4 अगस्त 2025 को धमकी भरी बयान के साथ कहा है कि वे भारत से और अधिक टैरिफ (टैक्स) लेगा। उस खबर को भी ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं जब ट्रम्प ने 1 अगस्त 2025 को भारत में 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी जो 7 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा।
अधिक टैरिफ लेने का कारण
ट्रम्प ने रुस के तेल का हवाला देकर भारत पर और अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प ने 4 अगस्त 2025 की देर रात सोशल मीडिया में पोस्ट कर लिखा कि “भारत रुस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है और बड़ा हिस्सा बाजार में उंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है इसलिए मैं भारत पर टैरिफ बढ़ा रहा हूं।”
ट्रम्प ने पिछले हफ़्ते कहा था कि “भारत हमारा मित्र है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा है। उनके पास किसी भी देश की तुलना में सबसे कठोर और अप्रिय गैर-मौद्रिक व्यापार प्रतिबंध हैं।”
ट्रम्प की टैरिफ पर भारत का पलटवार
ट्रम्प को जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने रुस से कच्चे तेल का आयात तब शुरू किया जब पारंपरिक आपूर्ति यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। तब अमेरिका ने इसे प्रोत्साहित भी किया था। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा।
भारत ट्रम्प को जवाब देते हुए रुस से अमेरिका और ईयू को होने वाले निर्यात का आँकड़ा जारी करके ट्रम्प को दिखाया।
2024 में वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार: 67.5 बिलियन
2023 में सेवाओं का व्यापार: 17.2 बिलियन
LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) का आयात: 2024 में रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन, पिछला रिकॉर्ड: 15.21 मिलियन टन (2022)
व्यापार के अन्य क्षेत्रों में ऊर्जा, उर्वरक, खनिज उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और ट्रांसपोर्ट उपकरण आदि हैं।
अमेरिका और रूस का व्यापार
INDIA TV के अनुसार, अमेरिका भी रूस से आवश्यक सामग्रियां आयात करता है। इसमें यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, परमाणु उद्योग के लिए और पैलेडियम इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में उपयोग करने के लिए करता है। इसके अलावा, उर्वरक और रसायन का विभिन्न कृषि और औद्योगिक उपयोगों के लिए आयात करता है।
अमेरिका में 17 लाख प्रवासी बेरोजगार
दैनिक भास्कर के अनुसार, एक ओर ट्रम्प द्वारा भारत को धमकी दी जा रही है और दूसरी ओर अमेरिका में काम कर रहे 17 लाख प्रवासियों का जॉब्स खतम हो रहा है। अमेरिका के वाशिंगटन में रोजगार के ताजा आँकडें प्रवासियों खासकर भारतीयों के लिए चिंताजनक है। नेशनल फ़ाउंडेशन फ़ॉर अमेरिकन पॉलिसी के अनुसार जनवरी से अब तक 17 लाख प्रवासी कामगार पेरोल से बाहर हो गए हैं, यानी वो बेरोजगार हो गए हैं। अमेरिका छोड़ गए या वीज़ा खतम हो गया। अर्थव्यवस्था में विदेशी मूल के शर्मिकों की संख्या 7.35 लाख घट चुकी है। जुलाई में सिर्फ 73 हजार नई जॉब्स जुड़ीं। मई-जून के संशोधित आँकड़ों में 2.58 लाख नौकरी घटीं। इससे बेरोजगारी दर 4.2 हो गई जो धीमी होती अर्थव्यवस्था का संकेत है।
टैरिफ (टैक्स) क्या है
टैरिफ यानी एक तरह का टैक्स जो किसी देश से आने वाले सामान पर लगाया जाता है। जब कोई देश बाहर से कोई चीज मंगवाता है तो उसकी कीमत बढ़ जाती है क्योंकि उसमें यह अतिरिक्त टैक्स जुड़ जाता है।
मान लीजिए भारत से कोई सामान अमेरिका भेजा जा रहा है। अगर उस पर टैरिफ (टैक्स) लगेगा तो वह सामान पहले से ज्यादा महंगा हो जाएगा। दुकानदार यह बढ़ी हुई कीमत ग्राहकों से ही वसूलते हैं जिससे चीजें आम लोगों के लिए महंगी हो जाती हैं। उदाहरण – अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक चीज़ पहले अमेरिका में 10,000 रुपये में बिकती थी और अब उस पर 2,600 रुपये का टैरिफ (टैक्स) लग गया तो अब वही चीज़ 12,600 रुपये में बिकेगी।
ऐसे में अमेरिकी ग्राहक उसे महंगा मानकर खरीदने से बच सकते हैं। इससे भारत के व्यापारियों की बिक्री घट सकती है और उनका नुकसान हो सकता है। इसलिए टैरिफ का असर सिर्फ सरकारों या कंपनियों पर ही नहीं बल्कि आम लोगों और ग्राहकों पर भी पड़ता है।
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