खबर लहरिया Blog अंतर्राष्ट्रीय वकीलों ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की आपराधिक शिकायत दर्ज़

अंतर्राष्ट्रीय वकीलों ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की आपराधिक शिकायत दर्ज़

सीएम योगी के खिलाफ आपराधिक शिकायत स्विस आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 264 में दिए गए सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र के सिद्धांत के तहत अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक और मानवाधिकार वकीलों के एक विशेषज्ञ समूह गुएर्निका 37 चेम्बर्स द्वारा मंगलवार, 17 जनवरी को स्विस संघीय अभियोजक के कार्यालय में दर्ज की गयी।

                                                                                                   फोटो साभार – सोशल मीडिया

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज़ की गयी है। मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिसंबर 2019 व जनवरी 2020 के बीच यूपी राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) को अपनाने के खिलाफ विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को दबाया गया था।

यह बात 16 से 20 जनवरी के बीच सीएम योगी द्वारा स्विट्जरलैंड के दावोस (Davos) में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में भाग लेने के लिए दावोस यात्रा के दौरान सामने आई थी।

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वकीलों के एक विशेषज्ञ समूह ने की शिकायत दर्ज़

सीएम योगी के खिलाफ आपराधिक शिकायत स्विस आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 264 में दिए गए सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र के सिद्धांत के तहत अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक और मानवाधिकार वकीलों के एक विशेषज्ञ समूह गुएर्निका 37 चेम्बर्स (Guernica 37 Chambers) द्वारा मंगलवार, 17 जनवरी को स्विस संघीय अभियोजक के कार्यालय में दर्ज की गई थी।

बता दें, अनुच्छेद 264 ‘जीनोसाइड और मानवता के खिलाफ अपराध’ (Genocide and Crimes against Humanity) से संबंधित है।

सुरक्षा हेतु सभी जानकारियां रखी गयी हैं गोपनीय

गुएर्निका 37 के फाउंडर व जी37 चेम्बर्स के संयुक्त प्रमुख टॉबी कैडमैन (Toby Cadman) ने एक ईमेल के जवाब में द न्यूज़ मिनट को बताया कि क्रिमिनल रिपोर्ट से जुड़ी हुई सभी सामग्रियां, पीड़ितों की जानकारी, शिकायतकर्ताओं और याचिकाकर्ताओं की जानकारी जीवन व सुरक्षा की दृष्टि से गोपनीय रखी गयी है।

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सीएए के दौरान सीएम योगी द्वारा लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप

गुएर्निका 37 चैंबर्स के एक बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को अपनाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य में दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 के बीच भारत में झूठे कारावास, यातना और नागरिकों की हत्या का आदेश दिया था।

जैसा कि आपराधिक रिपोर्ट में निर्धारित किया गया है, यह काम मानवता के खिलाफ अपराधों की श्रेणी में आ सकते हैं। साथ ही नागरिकों और ज़्यादातर मुस्लिम आबादी पर होने वाले हमले को व्यवस्थित कहा गया।

गुएर्निका 37 चैंबर्स ने अपने बयान में आगे यह भी कहा कि “मुख्यमंत्री की भूमिका पुलिस हिंसा की वृद्धि में 19 दिसंबर, 2019 को दिए गए एक भाषण में विशेष रूप से स्पष्ट है, जिसमें पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ‘बदला’ लेने का आह्वान किया गया था। एक भारतीय राज्य अधिकारी होने के बावजूद, मुख्यमंत्री को इन अपराधों के लिए राजनयिक छूट प्राप्त नहीं है,” बयान से पता चला।

सीएम योगी अपराधों की जांच में रहे विफल – गुएर्निका 27 चैंबर्स

प्रकाशित रिपोर्ट में आगे बताया गया कि दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पारित होने के बाद कई लोग विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोग शांतिपूर्ण तौर से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने उतर आये थे। उनमें से कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन पर हमला भी किया। कहा, “यूपी पुलिस ने कथित तौर पर 22 प्रदर्शनकारियों को मार डाला, कम से कम 117 को प्रताड़ित किया गया और 307 को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया।

गुएर्निका 27 चैंबर्स ने आपराधिक शिकायत को जोड़ते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ, जिनका उत्तर प्रदेश में पुलिस पर अंतिम कार्यकारी अधिकार है, “कथित अपराधों की जांच और मुकदमा चलाने में नाकामयाब रहें।”

क्या कहता है अनुच्छेद 264ए ?

बताया गया कि स्विस क्रिमिनल कोड का अनुच्छेद 264ए मानवता के खिलाफ अपराधों से संबंधित है और इसी प्रावधान के तहत शिकायत दर्ज की गई है। कैडमैन ने यह भी कहा कि कार्यवाही का अनुसरण किया गया है “क्योंकि अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए भारत में कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए हैं।”

लॉ फर्म ने पिछले साल भी संयुक्त राज्य सरकार के सामने एक समान सबमिशन दायर किया था, जिसमें सीएम योगी के खिलाफ ‘लक्षित प्रतिबंधों’ की मांग की गई थी। कैडमैन ने सबमिशन के संबंध में कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी से अनुरोध प्रतिबंध लगाने के लिए था। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कुछ समय लगता है और इसे तब तक सार्वजनिक नहीं किया जाता है जब तक अमेरिकी सरकार प्रतिबंधों को सार्वजनिक नहीं करती है।” आगे कहा कि इसी तरह का अनुरोध यूके (विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय) एफसीडीओ से भी किया गया था।

गुएर्निका 37 चैंबर्स के योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दर्ज़ की गयी आपराधिक शिकायत को लेकर अभी तक फिलहाल कोई प्रतिक्रिया होती दिखाई नहीं दी है। इसे लेकर योगी सरकार क्या बयान देती है व कैसे निपटती है, यह बड़ा सवाल रहेगा।

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