खबर लहरिया Blog कबरई के क्रेसर ब्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की इलाज के दौरान मौत

कबरई के क्रेसर ब्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की इलाज के दौरान मौत

कबरई के क्रेसर ब्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी 8 सितम्बर 2020 को गोली लगी घायल अवस्था में पाया गया था। परिजनों और राहगीरो की मदद से इलाज के लिए जिला अस्पताल में लाया गया। हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरो ने कानपुर रेफर कर दिया। 13 सितम्बर को कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान इन्द्रकांत की मौत हो गई। कानपुर की पुलिस ने पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कर 14 सितम्बर को शव कबरई लाया गया। जहां पर भारी पुलिस की मौजूदगी में दाह संस्कार किया गया।

कौन है इन्द्रकांत त्रिपाठी

इन्द्रकांत त्रिपाठी कबरई का जाना माना खनन व्यापारी और विस्फोटक कारोबार का मालिक है। इंद्रकांत को लोग बीआईपी ग्रुप के पार्टनर के नाम से भी जानते हैं। इंद्रकांत के पास कई क्रेसर, ट्रक और विस्फोटक मैगजीन का सारा कारोबार बीआईपी ग्रुप के नाम से चलता है। इन्द्रकांत के साथ बालकिशोर यादव, और पुरषोत्तम सोनी पार्टनर है। बी से बल्लू महाराज, आई से इन्द्रकांत और पी से पुरषोत्तम सोनी है। इसलिए इनके काम और ब्यापार को लोग बीआईपी ग्रुप के नाम से जानते है।

कैसे लगी इन्द्रकांत को गोली क्या है पूरा मामल

सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि इन्द्रकांत पुलिस की मिलीभगत से विस्फोटक का काम नंबर दो के धंधे में करता था। मतलब लाइसेंस कम का और विस्फोटक सामान ज्यादा लाता था। जिसके चलते पुलिस प्रशासन को घूस के रूप में वह महीने में मोटी रकम देता था। जिससे उसकी विस्फोटक सामग्री से भरी गाड़ी न पकड़ी जा सके।प्रशासन की क्या बात कहे, वो कहावत है न कि लालच बुरी बला होती है। वही हुआ प्रसाशन को कुछ दिखा नही। इन्द्रकांत से ब्यापार करने का घूस मांगने लगे। जिसकी वजह से इन्द्रकांत घबरा गया।
क्योंकि धंधा चौपट पड़ा है। और इतना ब्यापार फैला है। करोड़ो का हर रोज लेना देना करना है। लोगो का कर्ज भी है, इसलिए अब चुके तो कैसे चुके। इसलिए इन्द्रकांत ने 6 अगस्त को फेसबुक पर पोस्ट और ट्विटर पर एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमे महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार के ऊपर 6 लाख रुपये की घूस न देने पर कबरई एसओ देवेंद्र शुक्ला, सुरेश सोनी और ब्रम्हदत्त के द्वारा टॉर्चर कर जान का खतरा बताया था।  और एक ऑडियो भी वायरल किया था। जिसमे डीएम एसडीएम सहित जिले के कई उच्च अधिकारियों के नाम लिए गए है, जो रिश्वत लेते थे। इन्द्रकांत त्रिपाठी 9 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले था। जिसमें पुलिस के रिश्वत से जुड़े सारे सबूत मीडिया के सामने दिखाने का दावा किया था। पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले ही 8 सितम्बर को दोपहर ढाई बजे इन्द्रकांत को गाली लगी घायल अवस्था मे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस केस में क्या क्या हुई कार्यवाही

 8 सितंबर को क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत को गोली लगने से घायल अवस्था में पाया गया। इलाज के लिए डॉक्टर ने महोबा से कानपुर रिफर कर दिया है। जहां पर उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। यह घटना चारो तरफ आग की तरह फैल गई। पूरे मामले को लेकर 8 सितम्बर को चित्रकूट धाम मंडल आईजी के.सत्यनारायण मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच में जुट गए। आरोप सही पाए जाने पर 9 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया। 10 सितम्बर को कबरई एसओ के ऊपर कार्यवाही करते हुऐ निलंबित कर दिया। और एसपी मणिलाल पाटीदार की विजलेंस टीम के द्वारा संपत्ति के जांच का आदेश दिया।
11 सितम्बर को इन्द्रकांत के भाई रविकांत ने कबरई थाना में एप्लिकेशन दी, रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर तुरन्त एसपी मणिलाल पाटीदार,थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला,सुरेश सोनी,ब्रम्हदत्त व अन्य अज्ञात सहयोगी सिपाहियों पर कबरई थाने में हत्या की साजिश, हत्या के प्रयास, षड्यंत्र व भ्रस्टाचार निरोधक धाराओं 387,307,120-B ,7 व 13 के तहत लिखा गया मुकदमा।

इन्द्रकांत की हुई मौत

गोलीकांड में घायल इन्द्रकांत त्रिपाठी 8 सितम्बर से लगातार कानपुर के रेजिन्सी हॉस्पिटल में मौत और जिंदगी से जूझ रहा था। कानपुर में ही इलाज के दौरान 13 अगस्त को इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत हो गई। कानपुर पुलिस के द्वारा शव का पंचनामा भरकर कानूनी कार्यवाही करने के बाद 14 सितम्बर को कबरई शव लाया गया।

पुलिस और पीड़ित परिवार के बीच हुई तीखी नोकझोक, जनता ने किया कबरई थाना का घेराव

पीड़ित परिवार के रविकांत त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस का रवैया बिल्कुल सही नही है हमारे प्रति। हम लोगो को अब और भी पुलिस से डर लगने लगा है। क्यों की दाह संस्कार के बीच से ही पुलिस ने हमारे शुभचिंतक और इन्द्रकांत के सहपाठी पुरषोत्तम सोनी और बल्लू महाराज को उठा लिया है, जो गलत है। अगर पुलिस को कोई पूछताछ करनी है तो हमे आराम से बुलाये। नोटिस भेजे। हमे डर है कि पुलिस हमारे साथियों को डरा धमकाकर कोई गलत तरह से कोई कबूलनामा न लिखवा ले। क्योंकि हम अभी इसी कार्यक्रम में बिजी है। कही जा नही सकते। पुलिस को जिनको पकड़ना चाहिए उनको पकड़ नही रही। हमारे लोगो से ही पुछताछ कर रही है।

क्या बोले प्रयागराज एडी.जी.

प्रयागराज ए.डी.जी.प्रेम प्रकाश ने बताया कि यह केस 302 में बदल गया है। क्योंकि इन्द्रकांत की मौत हो गई है। दो लोगो से पूछताछ कर छोड़ दिया है। कई तथ्य हमे मिले जो जांच का विषय है। जिनके भी नाम सामने आए है। सबको नोटिस भेजकर बुलाया गया है। अभी तक किसी की कोई गिरफ्तारी नही हुई है। जांच हर पहलू से की जा रही है। जल्दी ही इस केस का खुलासा किया जाएगा।