हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक को धोनी से पहले भेजा गया जब पांच रन पर तीन विकेट थे और चोबीस रन पर चार विकेट।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और वी वी एस लक्ष्मण ने कहा कि वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हुए महेन्द्र सिंह धोनी को सातवें नंबर पर खिलाने का निर्णय लेना भारी भूल है। इस निर्णय के बारे में जानकर वे हैरान थे।
हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक को धोनी से पहले भेजा गया जब पांच रन पर तीन विकेट थे और चोबीस रन पर चार विकेट।
हालात इतने ख़राब हो गए थे कि टारगेट तक पहुंचना चुनौती बन गया और आख़िर में भारत 18 रन से हार गया!
2011 वर्ल्ड कप से समानता
‘धोनी को पांड्या से पहले आना चाहिए था। यह भारी भूल है। धोनी को खुद दिनेश कार्तिक से पहले आ जाना चाहिए था। यह जगह धोनी के लिए थी। वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में भी उसने ख़ुद चौथे नंबर पर युवराज सिंह से पहले आने का निर्णय लिया था और हम वो मैच जीत गए थे।’ लक्ष्मण ने कहा।
गांगुली के अनुसार ‘यह सिर्फ धोनी की एक बैटिंग के बारे में नहीं है, दूसरी बात यह है कि उसका शांत स्वभाव भी युवा बैट्समैन पर गहरा प्रभाव डालता है।’
पंत शुरू में ठीक था पर वह स्पिनर मिचल सेंटेनरी पर अटैक करने के कारण आउट हो गया। इस कारण स्कीपर विराट कोहली ने कोच रवि शास्त्री से जोश में हाथ हिला-हिला कर इशारों में बात की।
‘वहां भारत को अनुभवी खिलाड़ी की ज़रूरत थी। यदि उस समय धोनी वहां होते तो पंत को हवा के विपरीत जा कर खेलने नहीं देते। इंग्लैंड के मैदान में यह बहुत बड़ी बात है। वो ज़रूर कहते कि तेज़ गेंदबाज के जाने के बाद जब मिड-ऑफ या मिड-इन हो, तब जाए क्योंकि वह ख़ुद इस सबमें अच्छे हैं।
‘धोनी को वहां खेलना चाहिए था। वहां सिर्फ एक बैट्समैन की ज़रूरत नहीं थी, वहां शांत रह कर मानसिक संतुलन बनाए रखने वाले खिलाड़ी की ज़रूरत थी। वे एक के बाद एक लगातार विकेट नहीं गिरने देते। जब जड़ेजा बैटिंग कर रहा था उस समय धोनी वहां था। दोनों खिलाड़ियों को आपसी बातचीत से बल मिलता है। धोनी को सातवें नंबर पर नहीं खिलाया जा सकता।’ गांगुली ने स्टार स्पोर्ट्स चैनल पर कहा।
‘अपने खेल के आख़िरी पड़ाव की ओर जाते हुए भी उनके लिए सबमें बहुत इज्जत है। वह अब भी मैदान को ख़ाली करने का माद्दा रखते हैं इसीलिए उन्हें आख़िर के लिए बचा कर रखा। ऐसा नहीं है कि वह छक्के नहीं मार सकते परन्तु उसे लगता है कि यही एक तरीक़ा है ओ डी आइ मैच जीतने का।’ उन्होंने यह भी कहा।
सचिन तेंदुलकर का मानना है कि धोनी को पहले से निर्धारित क्रम से ना भेजना गलत है।
इस तरह के कठिन समय में सवाल यह है कि ऐसे में भी धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी को, क्यों नहीं भेजा गया। आख़िर तक वह रविंद्र जडेजा से बात कर रहा था और वही स्थिती को कंट्रोल कर रहा था।
‘हार्दिक की जगह धोनी को ख़ुद आ जाना चाहिए था। दिनेश कार्तिक का पांचवें नंबर पर खेलना भी मुझे थोड़ा अजीब लगा।’ उन्होंने कहा।
गांगुली का कहना है कि पिछले एक-डेढ़ साल में भारतीय क्रिकेट चयन समिति की सबसे बड़ी ग़लती यह है कि वे कोई भी मिडिल ऑर्डर नहीं खोज पाए।
‘भारतीय चयन समिति की इस बात को ले कर आलोचना की जानी चाहिए कि उन्होंने मिडिल ऑर्डर के साथ बहुत छेड़छाड़ की।’
‘आप हमेशा रोहित या विराट पर निर्भर नहीं कर सकते।’ लक्ष्मण ने कहा।
‘देखते हैं कि क्या भारत ऋषभ पंत को पांचवें नंबर पर भेजेगा। अगर शिखर धवन वापसी करते हैं और यदि राहुल नंबर तीन पर खेलते हैं तो कोहली नंबर चार पर खेल सकते हैं। इंडिया को अपने मिडिल ऑर्डर बैट्समैन पर ध्यान देने की और अपने निर्णय पर डटे रहने की जरूरत है।
चयनकर्ताओं ने यही ग़लती की। जड़ेजा पर निर्भर नहीं कर सकते। (आप जीत के लिए क्रम में आख़िरी खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं कर सकते।)
Transalated from :https://www.thehindu.com/sport/cricket/india-nz-world-cup-semifinal-dhoni-at-no-7-a-tactical-blunder-say-former-cricketers/article28367940.ece