इस लॉकडाउन में महिलायें राशन की दूकान में तो पुरुष शराब की : कोरोना काल में जब से देश मे जब से लाँकडाऊन लगा है हर जगह जनता ने इसका पालन किया लेकिन वही अगर घरेलू समान की जरूरत हुई तो महिलाएं दिखी अन्य कामों मे भी महिलाएं ही सडकों पर दिखी जैसे बैंक की लाइन मे ,सरकारी कोटे की दुकान मे सब्जी लेते हुए हर छोटी बडी जरूरत की समाग्री लेने सिर्फ महिलाओं ही भागीदारी ज्यादातर रही वहीं पूरूषो को लाँकडाऊन मे जैसे आराम करने का खूब मौका मिला ,वहीं महिलाओं के लिए घरके काम पढ गये पूरषो को जैसे बहाना मिल गया अगर कोई काम महिलाओं ने कह भी दिया तो यही जवाब होता अरे लाँकडाऊन है पूलिस हर जगह खडी है परेशान करेगी जाने नहीं देंगे मजबूरन महिला को ही राशन की दुकान में जाना पडता फिर बाहर जैसे ही सरकार ने शराब के ठेके खोलने का आदेश दिया पियक्कड़ पूरूषो की तो लाटरी लग गई खुश हो गये अब तो लाँकडाऊन मजे से कटेगा खाओ पीओ लडो खुलते ही शराब के ठेके लंबी लाइन लग गई पूरूषो की ठेके मे फिर पूरूषो को लाँकडाऊन नहीं दिखा पूरे लाँकडाऊन के दौरान दिखा ये महिलाएं दिखी सडकों पर पूरूष घर के अंदर या शराब के ठेके मे या ताश के फडो मे या फिर गपशप करते हमारे देश का जो समाजिक नजरिया है की महिलाएं घर के अंदर रहे अब इस लाँकडाऊन मे फिर ये नजरिया कहा गया क्यों महिलाओं को ही हर काम के लिए सडकों पर देखा गया