इस लॉकडाउन में दूसरों के घर सजाने वालों के घर हुए वीरान :गांव खितवाॅस ब्लाक बिरवा जिला ललितपुर गांव के पास में कम से कम 30 परसेंट लोग फूलों की खेती कर रहे हैं इनका कहना है कि हम हर साल में हम घर सजाने वाले लोगों की दिन की आय हजार 500 की रहती थी और हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं आती थी उसी से हमारे परिवार का गुजारा चलता रहता था और खर्च भी होता था उसी से बच्चों का भरण पोषण होता था और इस साल में है नॉक डाउन लगा हुआ है जिसको लेकर के योगदान के चलते हुए हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और लाखों का नुकसान हो गया है जो भी हमारे फसलें वही हुई हैं तो यह सारी फसलों में हैं और यही ऐसे ही पड़े हुए हैं और टूट के फसलों में से नीचे गिर रहे हैं तो जो हमने इस साल में फूलों की खेती की थी उससे हम लोगों को ₹1 की फायदा नहीं है इसको लेकर के हम लोग बहुत परेशान चल रहे हैं हर्षाली ना तो हम लोग एक एक लाख कोई 1000000 लो में से आए रहती थी और उसी को लेकर के लोग कोई परेशानी नहीं होती थी तो आज की स्थिति में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उनका कहना है कि 4 महीने के लिए रहती है फूलों की खेती और हम लोगों ने तो यही फूल लगाए हुए हैं और कुछ कुछ लोगों ने जो फूलों की खेती लगाए हुए हैं तो उसको काटना शुरू कर दिया है कह रहे हैं कि इसको खेतों में लगा करके क्या करेंगे क्योंकि लोग के जैसा ना कोई शादी भी आया कोई फंक्शन नहीं रहे हैं अगर हो भी रहे हैं तो जिस तरह से धूमधाम से मनाए जाते थे वह नहीं बनाए जा रहे हैं तो हम लोगों के फूल किस काम में आएंगे ना फूलों से कोई लाभ है तो इसलिए हम लोग आप अपनी जो भी खेती है तो फूलों की खेती को काट कर के रख देंगे और क्या कर सकते हैं हम लोग तो इसी फूलों की खेती पर निर्भर रहते थे कि इसी फूलों की खेती से हम लोगों का गुजारा चलता था और हम लोगों की जो भी घर के घरेलू खर्च होते थे वह सारे होते जाते थे और कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता था उसी जगह उनका कहना है उसी के साथ हम लोग सब्जियों लगाए हुए हैं तो वह भी सब्जियां खेतों में सड़ रहे हैं और कोई नहीं हो रही है क्योंकि बिक्री की तो बात ही दूर दूर है हम लोग तो घर से ही नहीं निकल पा रहे हैं तो इसकी बिक्री कैसे होगी और कैसे करेंगे तो जी हमारा जो फूल है तो अलग-अलग जिलों में जाया करता था और इस साल में जिलों की तो बात अलग है पर ब्लॉक स्तर तक भी नहीं पहुंच पा रहा है ना कोई माल इसको खरीद रहा है क्योंकि यह इस साल में फूल का कोई उपयोग भी नहीं हो रहा है कि खुलेगा तो इस वजह से लोग दान के चलते समय हमारे फूलों की खेती का जो भी हम लोगों का धमाका सारा चौपट हो गया और थक हो गया है तो इसके चलते हम लोग परेशान चल रहे हैं घर सजाने का काम भी बंद है और कर ही क्या सकते हैं सरकार ने तो देश के लिए सही किया है कि जो भी आम जनता है उसका बचा रहे रहे तो हम लोग क्या करें इसके अलावा जो सरकार करेगी वह होगा हम लोग तो यही चाहते हैं कि ठीक है अगर इस साल में हम लोग फूलों की खेती नहीं कर पाएंगे तो अपनी जान पाएंगे तो अगली साल भी फूलों की खेती कर सकते हैं इसके चलते लोग बहुत परेशान चल रहे हैं