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छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा गांव की ममता साहू पिछले डेढ़ महीने से अपने पति के मौत के बाद अनुकम्पा नियुक्ति के लिए लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रही है। अभी तक उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ और ममता साहू मीडिया के कैमरे के सामने इन्टरव्यू देते-देते रोने लगी। जब अधिकारी इतने लापरवाह हो रहे हैं, तो लोगों का क्या होगा?
ममता साहू का कहना है कि साहब क्यों बने हैं, जब गरीबों की बात नहीं सुननी है? पति की मौत 18 जनवरी को हो गयी। 22 जनवरी से अभी तक भटक रही हूँ। कोई सुनवाई ही नहीं हो रही। कलेक्टर, डीपीसीईओ को बोला था सुनने के लिए, लेकिन वो नहीं सुन रहें हैं। मेरे पति बालिका छात्रावास में चौकीदार थे, उसी की मांग कर रही हूँ।
डीपीसीईओ एच एस त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रकरण को मैंनें देखा है। इसमें नियम बध्द तरीके से कार्यवाही का प्रयास भी किया गया, लेकिन ममता साहू कहीं दूसरी जगह जाना ही नहीं चाहती हैं, जो कि खुद अभी रसोइया हैं। वो पति के पद को ही मांग रही हैं। इस मामले में बड़ा मलहरा एसडीएम भी समझाएं हैं, लेकिन वो महिला सुनने को तैयार ही नहीं फुल वेतन की मांग कर रही है। देखते हैं नहीं तो आगे जैसा होगा, वैसी ही कार्यवाही करेंगें।